सीमाओं के प्रहरी तेरा करते सब अभिनंदन।
तिलक भाल पर विजयश्री का,स्वीकारें चंदन।।
रिपु को तुमने धूल चटाकर,
परचम फहराया।
हर जन ने उल्लासित होकर,
विजयगान गाया।।
कीर्ति तुम्हारी इतिहासों में, भारत के नंदन।
तिलक भाल पर विजयश्री का, स्वीकारें चंदन।।
शौर्य तुम्हारी गाथा गाता,
करगिल देय गवाही।
तुम तो हो सच्चे रखवाले,
विजय राह के राही।।
वतन करेगा सदा तुम्हारा, आतुर हो अभिवंदन।
तिलक भाल पर विजयश्री का, स्वीकारें चंदन।।
गौरव तुम पर हम करते हैं
तुम तो हो बलिदानी।
युग-युग तक रहना है जीवित,
तेरी प्रखर कहानी।।
लाल भारती के तुम चोखे, ख़त्म किया हर क्रंदन।
तिलक भाल पर विजयश्री का, स्वीकारें चंदन।।
(लेखक-प्रो(डॉ)शरद नारायण खरे )