नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात के प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के लाभार्थियों से बात कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि आखिर कौन सी ऐसी वजह है कि देश में गरीबी नहीं घटी। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में भारत में खाद्यान्न भंडार में वृद्धि हुई लेकिन उचित वितरण प्रणाली की कमी के कारण गरीबी और कुपोषण को कम करने में मदद नहीं मिली। इससे पहले प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन की शुरुआत में कहा कि आज गुजरात के लाखों परिवारों को पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत एक साथ मुफ्त राशन वितरित किया जा रहा है। ये मुफ्त राशन वैश्विक महामारी के इस समय में गरीब की चिंता कम करता है, उनका विश्वास बढ़ाता है। उन्होंने कहा आज़ादी के बाद से ही करीब-करीब हर सरकार ने गरीबों को सस्ता भोजन देने की बात कही थी। सस्ते राशन की योजनाओं का दायरा और बजट साल दर साल बढ़ता गया, लेकिन उसका जो प्रभाव होना चाहिए था, वो सीमित ही रहा।'' उन्होंने कहा, ''देश के खाद्य भंडार बढ़ते गए, लेकिन भुखमरी और कुपोषण में उस अनुपात में कमी नहीं आ पाई। इसका एक बड़ा कारण था- प्रभावी डिलिवरी सिस्टम का ना होना। इस स्थिति को बदलने के लिए साल 2014 के बाद नए सिरे से काम शुरु किया गया। पीएम मोदी ने कहा कि आज 2 रुपए किलो गेहूं, 3 रुपए किलो चावल के कोटे के अतिरिक्त हर लाभार्थी को 5 किलो गेहूं और चावल मुफ्त दिया जा रहा है। यानी इस योजना से पहले की तुलना में राशनकार्डधारियों को लगभग डबल मात्रा में राशन उपलब्ध कराया जा रहा है। ये योजना दिवाली तक चलने वाली है। इसके अलावा प्रधानमंत्री ने कहा कि आज देश इनफ्रास्ट्रक्चर पर लाखों करोड़ खर्च कर रहा है, लेकिन साथ ही, सामान्य मानवी के जीवन की गुणवत्ता सुधारने के लिए के लिए नए मानदंड भी स्थापित कर रहा है। गरीब के सशक्तिकरण, को आज सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है। उन्होंने कहा, ''गुजरात सहित पूरे देश में ऐसे अनेक काम हैं, जिनके कारण आज हर देशवासी का, हर क्षेत्र का आत्मविश्वास बढ़ रहा है। और ये आत्मविश्वास ही है जो हर चुनौती से पार पाने का, हर सपने को पाने का एक बहुत बड़ा सूत्र है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ''इस बार ओलंपिक्स में भारत के अब तक के सबसे अधिक खिलाड़ियों ने क्वालीफाई किया है। याद रहे ये 100 साल की सबसे बड़ी आपदा से जूझते हुए किया है। कई तो ऐसे खेल हैं जिनमें हमने पहली बार क्वालीफाई किया है। सिर्फ क्वालीफाई ही नहीं किया बल्कि कड़ी टक्कर भी दे रहे हैं। उन्होंने कहा भारतीय खिलाड़ियों का जोश, जुनून और जज़्बा आज सर्वोच्च स्तर पर है। ये आत्मविश्वास तब आता है जब सही टैलेंट की पहचान होती है, उसको प्रोत्साहन मिलता है। ये आत्मविश्वास तब आता है जब व्यवस्थाएं बदलती हैं होती हैं। ये नया आत्मविश्वास न्यू इंडिया की पहचान बन रहा है।
नेशन नार्थ
खाद्यान्न बढ़ने के बाद भी क्यों नहीं घटी देश में गरीबी