मुंबई, । महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के आचरण पर महाराष्ट्र कैबिनेट में नाराजगी व्यक्त की गई है. मंत्री नवाब मलिक ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी पर सीधा हमला बोलते हुए संविधान के अधिकारों का हनन करने का आरोप लगाया है. मलिक ने कहा कि चुनी हुई सरकारों को जो अधिकार संविधान ने दिए हैं उसे दरकिनार कर सत्ता के दो केंद्र बनाने की कोशिश राज्यपाल महोदय कर रहे हैं. राज्य के मुख्य सचिव के जरिए राज्यपाल सचिवालय को मंत्रिमंडल और मुख्यमंत्री की नाराजगी से अवगत कराया जाएगा. दरअसल अल्पसंख्याक विभाग के बच्चों के लिए विभाग की तरफ से हॉस्टल बनाए गए है. जिसका उद्घाटन राज्यपाल के हाथों होने जा रहा है. इसकी जानकारी भी राज्य सरकार को नहीं दी गई जिसे लेकर राज्य की कैबिनेट मीटिंग में नाराजगी व्यक्त करते हुए इसे राज्य सरकार के अधिकारों में राज्यपाल का हस्तक्षेप करार दिया गया. जानकारी के मुताबिक 5, 6 और 7 अगस्त को राज्यपाल कोश्यारी महाराष्ट्र के नांदेड़ और हिंगोली जिले के दौरे पर जा रहे हैं. इस दौरान वे नांदेड़ में अल्पसंख्याक विभाग की तरफ से बनाए गए हॉस्टल का उद्घाटन करेंगे साथ ही उनके दौरे में जिला कलेक्टर और अधिकारियों के साथ रिव्यू मीटिंग की भी बात कही गई है. सरकार का साफ तौर पर मानना है कि महाराष्ट्र में चुनी हुई बहुमत की सरकार है लिहाजा संविधान के मुताबिक विधानमंडल के नेता या राज्य के मुख्यमंत्री के पास सभी प्रशासकीय अधिकार होते हैं. राज्यपाल इस तरह कलेक्टर या दूसरे अधिकारियों के साथ बिना राज्य सरकार को सूचना दिए बैठक या रिव्यू नहीं कर सकते यह सीधे-सीधे संविधान का उल्लंघन है. मंत्री नवाब मलिक ने राज्यपाल पर तंज कसते हुए कहा कि राज्यपाल उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के तौर पर काम कर रहे हैं. जबकि वह इस राज्य के राज्यपाल हैं वे शायद वह भूल गए हैं.
रीजनल वेस्ट
महाराष्ट्र सरकार ने राज्यपाल पर लगाया अधिकारों के हनन का आरोप