विश्व बैंक ने कहा है कि आने वाले सालों में ग्लोबल ग्रोथ रेट में कमी आएगी, लेकिन भारत की रफ्तार अच्छी रहेगी। दोबारा सत्ता में लौटी मोदी सरकार के लिए यह अच्छी खबर है। वर्ल्ड बैंक का अनुमान है कि निवेश और निजी उपभोग में वृद्धि की बदौलत भारत 7.5 फीसदी की गति से विकास करेगा। मंगलवार को जारी रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि चीन की रफ्तार अगले तीन सालों में लगातार कम होती चली जाएगी। विश्वबैंक ने मंगलवार को जारी अपने वैश्विक आर्थिक परिदृश्य में कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया में सबसे तेज गति से बढ़ती रहेगी। भारत 2021 तक चीन की तुलना में 1.5 फीसदी अधिक रफ्तार से बढ़ रहा होगा। 2018 में चीन की रफ्तार 6.6 फीसदी रही, जो 2019 में 6.2 फीसदी रह जाएगी। 2020 में 6.1 फीसदी और 2021 में इसकी गति 6 फीसदी तक सिमट जाएगी।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत वित्त वर्ष 2019-20 में भारत की विकास दर 7.5 फीसदी रह सकती है और अगले 2 वित्त वर्ष तक रफ्तार इतनी बनी रहेगी। वर्ल्ड बैंक ने पहले भी भारत के लिए यही अनुमान लगाया था। रिपोर्ट में कहा गया है, 'महंगाई दर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के लक्ष्य से नीचे रहने और उदार मौद्रिक नीति के बीच निजी उपभोग और निवेश से क्रेडिट ग्रोथ को मजबूती मिलेगी।' वर्ल्ड बैंक ने कहा कि वित्त वर्ष 2018-19 में भारत के 7.20 प्रतिशत की दर से वृद्धि करने का अनुमान है। सरकारी खर्च में कमी के प्रभाव को ठोस निवेश ने बेअसर कर दिया। इसे सार्वजनिक खर्च से भी समर्थन मिला। वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट में भले ही भारत के लिए अच्छी तस्वीर पेश की गई हो, लेकिन दुनिया पर आर्थिक मंदी का खतरा बताया गया है। दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच बढ़ते ड्रेड वॉर से वैश्विक विकास दर में कमी आ सकती है। वैश्विक अर्थव्यवस्था 2018 में 3 फीसदी की गति से बढ़ी थी, जबकि इस साल रफ्तार 2.6 फीसदी तक सिमट सकती है, यह जनवरी में लगाए गए अनुमान से कम है।
वर्ल्ड
विश्व बैंक से आई खुशखबरी, भारत 7.5 फीसदी की रफ्तार से करेगा विकास -ग्लोबल ग्रोथ रेट में कमी आने से मिलेगा लाभ