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गरीब अच्छे से और इज्जत से रह सके, ऐसी दिल्ली बनाएंगे : अरविंद केजरीवाल

गरीब अच्छे से और इज्जत से रह सके, ऐसी दिल्ली बनाएंगे : अरविंद केजरीवाल

नई दिल्ली । मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को दिल्ली@2047 मंच की शुरुआत करते हुए कहा कि हम ऐसी दिल्ली बनाना चाहते हैं, जहां गरीब से गरीब आदमी भी अच्छे से और इज्जत से रह सके। यह प्लेटफार्म लॉन्च करने का मकसद सभी की विशेषज्ञता, विचार और भागीदारी को प्राप्त करना है। केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली को वैश्विक शहर की तरह विकसित करने के लिए समस्याओं को चिन्हित करके उसका समाधान निकालना होगा। बीते पांच सालों में हमने यह दिखाया है कि समाधान निकाले जा सकते है। केजरीवाल ने कहा कि हम चाहते है कि 2047 में दिल्लीवालों की प्रतिव्यक्ति आय सिंगापुर के बराबर हो। मगर इसपर हमें अभी से बात करनी होगी। समस्याओं को ढूढ़ना होगा उसका समधान भी करना होगा। उनकी एक समय सीमा बनानी है। दिल्ली में कुछ समस्याएं एक या दो साल में दूर हो सकती है। कुछ शायद 2047 तक ठीक हो। हम 2048 के ओलंपिक के लिए बिड करेंगे। यह चीजें लंबे समय में प्राप्त होंगी। केजरीवाल ने कहा कि मगर हम इन समस्याओं का समाधान राजनीति से नहीं बल्कि ईमानदारी से ढूढ़ने का प्रयास करेंगे। इसके लिए सिर्फ राजनीतिक इच्छाशक्ति होनी चाहिए। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हमने बीचे पांस साल में कई समस्याओं का समाधान निकाला है। स्कूल बेहतर किया है। परीक्षा परिणाण 99 फीसदी से ऊपर आते है। वहीं नए स्कूल बनाएं है। स्पोर्ट्स विश्वविद्यालय बनाया है। 24 घंटे बिजली और मुफ्त बिजली उपलब्ध करा रहे है। 24 घंटे पानी उपलब्ध कराने की दिशा में काम कर रहे है। पॉली क्लीनिक, मोहल्ला क्लीनिक का बड़ा नेटवर्क खड़ा किया गया है। दिल्ली में 100 से अधिक सरकारी सेवाएं डोर स्टेप पर मिलती है। एक फोन पर यह सुविधा घर पर मिलती है। कार्यक्रम में मौजूद डीडीसी के उपाध्यक्ष जस्मीन शाह ने कहा कि दिल्ली सरकार तीन योजनाएं प्राथमिकता है। पहला खेलो दिल्ली, यह एक अभिनव परियोजना है, जहां हम दिल्ली सरकार के प्रत्येक स्कूल में विश्व स्तरीय खेल के मैदान बनाने कोशिश कर रहे हैं। भविष्य में स्कूलों से भी खिलाड़ी निकाल सके। दूसरा झीलों का शहर, दिल्ली सरकार पारंपरिक रूप से दिल्ली में मौजूद 1,000 से अधिक जल निकायों को फिर से जीवंत करने और भूजल स्तर को रिचार्ज करने के लिए एक विशाल योजना पर काम कर रही है। तीसरा स्कूलों में डिजिटल उपकरणों को बढ़ाना, हमने शिक्षा पर कोविड-19 के प्रभाव को देखा है और सरकारी स्कूल के छात्रों के पास हमेशा डिजिटल उपकरणों तक पहुंच नहीं होती है, इसलिए हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि 10वीं और 12वीं कक्षा के सभी छात्र, जो अपनी बोर्ड परीक्षाओं में प्रवेश कर रहे हैं, उन तक डिजिटल उपकरणों की पहुंच हो।
 

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