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काबुल में बम बरसाते तालिबानियों के बीच निडर होकर सड़कों पर उतरे अफगान नागरिक, बोले अल्हाह हू अकबर 

काबुल में बम बरसाते तालिबानियों के बीच निडर होकर सड़कों पर उतरे अफगान नागरिक, बोले अल्हाह हू अकबर 

काबुल । अफगानिस्‍तान की राजधानी काबुल में तालिबान आतंकियों ने मंगलवार रात जमकर खून-खराबा किया। तालिबान के आत्‍मघाती दस्तों ने देश के रक्षामंत्री बिस्मिल्‍ला खान और आतंकी संगठन का मुखर विरोध कर रहे सांसद मोहसिन आजिमी के घरों को निशाना बनाया। इसके बाद कई तालिबान आतंकी मोहसिन आज‍िमी के घर में घुस गए और गोलियां बरसाना शुरू कर दिया। 
अफगान मीडिया के मुताबिक इन हमलों में अब तक कम से कम 10 लोगों के मारे जाने की खबर है, जिसमें सांसद के घर के कई लोग भी शामिल हैं। इन हमलों के बाद काबुल की निडर जनता हजारों की संख्या में सड़कों पर उतर आई और 'अल्‍लाह हू अकबर' के नारे लगाकर तालिबान आतंकियों के खिलाफ एकजुटता का प्रदर्शन किया। इस भीड़ में अफगानिस्‍तान के उपराष्‍ट्रपति अमरुल्‍ला सालेह ने भी हिस्सा लिया और ताल‍िबानियों का जमकर विरोध किया। सालेह ने ट्वीट किया, यह ऐतिहास‍िक मौका है और काबुल की जनता का जवाब है। अल्‍लाह हू अकबर, तालिबान आतंकियों और उनका समर्थन करने वालों की मौत। यह जोश और राष्‍ट्रवाद का ऐसा क्षण है जिसे भूला नहीं जा सकता। 
अफगानिस्‍तान के रक्षामंत्री और कई दशक से तालिबान के निशाने पर रहे बिस्मिल्‍ला खान ने एक वीडियो मैसेज जारी करके कहा कि उनके आवास को आतंकी हमले में निशाना बनाया गया था। उन्‍होंने कहा कि वह और उनका परिवार पूरी तरह से सुरक्षित है, लेकिन उनके कई सुरक्षा गार्ड घायल हो गए हैं। खान ने कहा इन हमलों के बाद भी वह डरेंगे नहीं और तालिबान को मुंहतोड़ जवाब देते रहेंगे।
राजधानी काबुल में यह भीषण हमले ऐसे समय पर हुए जब हेरात के बाद काबुल शहर में भी रात 9 बजे 'अल्‍लाह हू अकबर' के नारे को लगाने का आह्वान किया गया था। इस आह्वान का मकसद तालिबान के खिलाफ लोगों की एकजुटता का प्रदर्शन करना था। काबुल में हजारों की संख्या में लोग सड़कों पर उतर आए और हर तरफ बस एक ही आवाज सुनाई दे रही थी अल्‍लाह हू अकबर'। कई लोग अपने घरों की छतों पर डटे हुए थे और वहीं से तालिबान के खिलाफ जोरदार नारेबाजी कर रहे थे।
इससे पहले हेरात में भी लोगों ने सड़कों पर उतर कर तालिबानी हिंसा का जमकर विरोध किया था। हेरात शहर के लोगों ने एकजुटता का प्रदर्शन करने के लिए 'अल्‍लाह हू अकबर' या 'अल्‍लाह महान है' के नारे लगाए थे। बताया जा रहा है कि इस नारे को लगाने का आह्वान तालिबान के खिलाफ चट्टान की तरह खड़े बुजुर्ग अफगान नेता इस्‍माइल खान ने किया था। इस दौरान सालेह ने कहा था कि अल्‍लाह तालिबानी आतंकियों के हाथ का खिलौना नहीं है। हेरात दहाड़ रहा है। अल्‍लाह पाकिस्‍तान का प्रॉडक्‍ट नहीं है। आज रात को हेरात के लोग या तो सड़कों पर हैं या फिर अपने घरों की छतों पर हैं और अफगान सेना को अपना समर्थन दे रहे हैं। 
 

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