नई दिल्ली । सांसद आजम खां को जौहर विश्वविद्यालय का गेट बनाकर अतिक्रमण करने का जुर्माना और उसे तोड़ने का खर्च भी देना होगा। आजम को एक करोड़ 63 लाख 80 हजार रुपये का जुर्माना और क्षतिपूर्ति के लिए नोटिस जारी किया गया है। नोटिस के अनुसार रुपये 14 अगस्त तक जमा करना है। रामपुर एसडीएम कोर्ट की तरफ से जारी नोटिस आजम के घर पर चिपका दी गई है। 19 अगस्त तक राशि जमा करके जवाब देने का समय दिया गया है। 1 करोड़ 63 लाख 80 हजार का नोटिस जौहर यूनिवर्सिटी का गेट बनाकर अतिक्रमण करने और तोड़ने पर उसकी क्षतिपूर्ति के रूप में लेने के साथ ही 4 लाख 55 हजार रूपए प्रति महीना भी जमा करना होगा। प्रति महीना यह जुर्माना तब तक भरना होगा जब तक भूमि कब्जा मुक्त नहीं हो जाती है। जौहर यूनिवर्सिटी के गेट पर अतिक्रमण का समय मई 2016 से जून 2019 तक बताया गया है। एसडीएम कोर्ट द्वारा जारी नोटिस आजम खां के घर के दरवाजे पर लगा दी गई। नोटिस को चस्पा करने के दौरान राजस्व विभाग के दो कर्मचारियों के साथ पुलिस भी मौजूद रही। इससे पहले एसडीएम कोर्ट ने जौहर यूनिवर्सिटी का गेट तोड़ने का आदेश भी दिया था। जौहर यूनिवर्सिटी की जमीनों को लेकर शुरू से ही विवाद रहा है। किसान जमीनें कब्जाने का आरोप लगाते रहे हैं। साल 2019 में 26 किसानों ने मुकदमे भी दर्ज कराए थे। रामपुर जिला प्रशासन ने आजम खां के खिलाफ भू-माफिया का केस भी दर्ज किया है। आजम पर चकरोड की जमीनों पर भी कब्जा करने का आरोप है। उसे भी प्रशासन ने यूनिवर्सिटी की दीवारें तुड़वाकर खुलवा दिया था। रामपुर एडीजे कोर्ट ने बीते साल फरवरी में फर्जी जन्म प्रमाण पत्र, सरकारी व दूसरे लोगों की जमीनों पर अवैध कब्जे के दर्जनों मामलों में आजम खां, उनकी पत्नी तजीन फातमा और बेटे अब्दुल्ला आजम को जेल भेज दिया था। तजीन को इस साल की शुरुआत में जमानत मिल गई थी, लेकिन आजम और अब्दुल्ला सीतापुर जेल में बंद थे, यहीं दोनों कोरोना की चपेट में आए। आजम की तबीयत खराब होने की वजह से वह डॉक्टरों की देखरेख में हैं।