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भारतीय महिला हॉकी टीम को 'जीत के जुनून' का सबक सिखाकर विदा हुए कोच शोर्ड मारिन 

भारतीय महिला हॉकी टीम को 'जीत के जुनून' का सबक सिखाकर विदा हुए कोच शोर्ड मारिन 

नई दिल्ली । भारतीय महिला हॉकी टीम के कोच शोर्ड मारिन ने टीम का साथ छोड़ दिया है। उन्होंने शुक्रवार को ब्रॉन्ज मेडल मुकाबले में भारतीय महिला हाकी टीम की हार के बाद ऐलान किया कि बतौर कोच ओलंपिक उनका आखिरी टूर्नामेंट था। ज्ञात हो कि शोर्ड मारिन के प्रशिक्षण में भारतीय महिला हॉकी टीम में उल्लेखनीय सुधार आया और उसने ओलंपिक में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। ओलंपिक में ब्रिटेन के खिलाफ कांस्य पदक के मुकाबले में 3-4 से हारने के बाद मारिन ने इस्तीफे की घोषणा कर दी। नीरदलैंड के इस पूर्व खिलाड़ी ने ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन में कहा अब आगे की कोई योजना नहीं है, क्योंकि भारतीय महिला टीम के साथ मेरा ये आखिरी मैच था। अब टीम जानेका शोपमैन के हवाले है। 
सूत्रों ने बताया कि भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) ने मारिन और टीम के विश्लेषणात्मक कोच जानेका शोपमैन दोनों को कार्यकाल विस्तार की पेशकश की थी, लेकिन मुख्य कोच ने व्यक्तिगत कारणों से इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया। माना जा रहा है कि शोपमैन अब पूर्णकालिक आधार पर मारिन का पद संभालेंगे। मारिन को 2017 में भारतीय महिला टीम का कोच नियुक्त किया गया था। उन्हें इसके बाद पुरुष टीम का कोच बना दिया गया। हालांकि 2018 में उन्हें फिर से महिला टीम का कोच नियुक्त किया गया। मारिन ने नीदरलैंड के लिए खेला है, और उनकी देखरेख में नीदरलैंड की अंडर-21 महिला टीम ने विश्व कप खिताब और सीनियर महिला टीम ने 2015 में हॉकी विश्व लीग सेमीफाइनल्स में स्वर्ण पदक हासिल किया है। 
कोरोना महामारी के कारण लागू प्रतिबंधों की वजह से वह पिछले 16 महीने से अपने घर नहीं जा पाए हैं, उनके इस्तीफे के फैसले को इससे जोड़कर देखा जा रहा है। भारतीय महिला हॉकी टीम के मुख्य कोच शोर्ड मारिन को अपनी टीम पर गर्व है। ओलंपिक कांस्य पदक मुकाबले में हार के बावजूद उन्होंने अपने खिलाड़ियों से आंसू रोकने के लिए नहीं कहा। मारिन ने कहा हारने पर दु:ख होता है, लेकिन मैं फख्र महसूस कर रहा हूं। मुझे इन लड़कियों पर गर्व है, जिन्होंने एक बार फिर अपना कौशल और जुझारूपन दिखाया। उन्होंने कहा कि मैंने उनसे कहा कि मैं तुम्हारे आंसू तो नहीं पोंछ सकता। तुम्हें कोई शब्द सांत्वना के नहीं दे सकता। तुमने पदक नहीं जीता, लेकिन उससे बड़ा कुछ जीता है। अपने देश को प्रेरित किया है और गौरवान्वित किया है। उन्होंने कहा कि दुनिया ने एक अलग ही भारतीय टीम देखी, मुझे उस पर गर्व है। 
 

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