केरल में दो और मरीज निपाह वायरस से संक्रमित मिलने की सूचना है और अब मरीजों की संख्या बढ़कर 7 हुई है। यहां निपाह के दो और संदिग्ध मरीजों को सामान्य मरीजों से अलग-थलग करने के लिए अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है। एर्नाकुलम के एक 23 वर्षीय छात्र के निपाह वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हो चुकी है। इसके साथ केरल में निपाह के कुल संदिग्ध मरीजों की संख्या सात हो गई है। इन सभी को एर्नाकुलम के गर्वनमेंट मेडिकल कॉलेज के आइसोलेशन वार्ड में रखा गया है। छह मरीजों के सैंपल बुधवार सुबह पुणे और अलप्पुझा नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ विरोलॉजी (एनआईवी) लैब में भेज दिए गए। सातवें मरीज को शाम को आइसोलेशन वार्ड में भेजा गया। उसका सैंपल गुरुवार को भेजा जाएगा।
स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा ने बताया, 'एनआईवी ने हमें कहा है कि इसमें घबराने वाली कोई बात नहीं है। लेकिन हम एनआईवी के पुणे स्थित मुख्यालय से मिलने वाले अंतिम नतीजों का इंतजार कर रहे हैं।' स्वास्थ्य मंत्री ने मरीजों के बारे में बताते हुए कहा, 'पहले चार मरीजों में से एक तो एर्नाकुलम के बीमार छात्र का दोस्त है जो उसके साथ पढ़ा करता था। बाकी के तीन मरीज वे नर्सें हैं जिन्होंने उस छात्र का एक प्राइवेट अस्पताल में इलाज किया था। इन सभी की स्थिति पहले से बेहतर है। हालात नियंत्रण में लग रहे हैं।' अधिकारियों का कहना है कि राज्य में कुल 314 लोगों को निगरानी में रखा गया है और उन्हें घर पर रहने को कहा गया है। प्रमुख स्वास्थ्य सचिव डॉ. राजन एन खोबरागडे का कहना है, 'इन लोगों में से तीन को हाई रिस्क कैटिगरी में रखा गया है, इन पर कड़ी नजर रखी जा रही है।' ये तीनों लोग वे हैं जो एर्नाकुलम के छात्र के सीधे संपर्क में थे या उसके साथ एक ही कमरे में 12 से ज्यादा समय से मौजूद थे।
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केरल में दो और मरीज निपाह वायरस से संक्रमित मिले, मरीजों की संख्या बढ़कर 7 हुई