पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान के विदेश सचिव और भारत में उसके पूर्व राजनयिक सोहेल महमूद को लेकर अब यह सरगर्मी है दरअसल, दोमों भारत आए हैं और बुधवार को उन्होंने दिल्ली की ऐतिहासिक जामा मस्जिद में ईद की नमाज पढ़ी। उनकी इस यात्रा से भारतीय अधिकारियों के साथ उनकी संभावित बैठक को लेकर अटकलें लगने लगीं, जिनके जरिए अगले हफ्ते किर्गिस्तान की राजधानी बिश्केक में दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों की संभावित मुलाकात की राह बनाई जा सकती है। पिछले साल अप्रैल में भारत से इस्लामाबाद लौटे महमूद को ईद के मौके पर जामा मस्जिद में नमाज पढ़ते देखा गया। उनके साथ दिल्ली में तैनात पाकिस्तान के वरिष्ठ राजनयिक भी थे। हालांकि न तो भारत के विदेश मंत्रालय और न ही पाकिस्तान के हाई कमीशन ने महमूद की दिल्ली में मौजूदगी के बारे में कोई बात की। महमूद पाकिस्तान का विदेश सचिव बनने से पहले भारत में उसके हाई कमिश्नर थे। वह मंगलवार को नई दिल्ली आए थे। उनके शुक्रवार को वापस पाकिस्तान जाने की संभावना है। रिपोर्ट्स में कहा गया कि वह अपने परिवार को वापस इस्लामाबाद ले जाने के लिए दिल्ली आए हैं। महमूद के बच्चे यहीं पढ़ रहे हैं। हो-हल्ले से दूर उनकी इस यात्रा से अटकल लगने लगी है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके पाकिस्तानी समकक्ष इमरान खान की शंघाई सहयोग संगठन के शिखर सम्मेलन के दौरान मुलाकात हो सकती है। मोदी और इमरान, दोनों का 13-14 जून को वार्षिक एससीओ शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने का कार्यक्रम है। लोकसभा चुनाव में शानदार जीत दर्ज कर सत्ता में वापसी करने पर इमरान ने मोदी को फोन कर बधाई दी थी। इमरान ने तब भारतीय उपमहाद्वीप में शांति और संपन्नता के लिए एकसाथ काम करने की इच्छा व्यक्त की थी।
भारत और पाकिस्तान के संबंधों में 2016 से ही ठंडापन चला आ रहा है। 14 फरवरी को जम्मू कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकवादी हमले के बाद दोनों देशों में तनाव बढ़ गया था। उस हमले में 40 जवान शहीद हुए थे। उसके जवाब में वायु सेना ने पाकिस्तान के बालाकोट में जैश ए मुहम्मद के ठिकाने पर हमला किया था। कुछ हफ्तों बाद जैश ए मुहम्मद के सरगना को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने वैश्विक आतंकवादी करार दिया था। इस बीच, भारत और पाकिस्तान के सुरक्षा बलों ने ईद उल फितर के मौके पर दोनों देशों की सीमा से सटी कई जगहों पर एक-दूसरे को मिठाइयां खिलाईं। 14 अप्रैल को पाकिस्तान लौटने से पहले महमूद ने कहा था कि एक-दूसरे की चिंताओं को समझने और क्षेत्र में शांति, समृद्धि तथा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भारत-पाकिस्तान के बीच लगातार बातचीत एकमात्र विकल्प है। उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान को आशा है कि भारत में लोकसभा चुनाव समाप्त होने के बाद दोनों देशों के बीच बातचीत फिर से शुरू होगी।
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पाकिस्तानी विदेश सचिव की दिल्ली में नमाजके बाद मोदी-इमरान की बैठक के चर्चें