धर्मशाला । कांगड़ा जिला में श्रावण अष्टमी नवरात्रों में बाहरी राज्यों से प्रमुख शक्तिपीठ मंदिरों में दर्शन के लिए आने वाले श्रद्वालुओं के लिए 72 घंटे पूर्व कोविड-19 नेगेटिव रिपोर्ट अथवा वैक्सीन की दोनों डोज लेने का प्रमाण पत्र जरूरी है उसी के आधार पर मंदिर में दर्शन के लिए पंजीकरण कांउटर पर पर्ची बनाई जाएगी। उपायुक्त डा निपुण जिंदल का कहना है कि मंदिर स्थल से एक से दो किलोमीटर की दूरी के भीतर ही खुली जगह पर श्रद्वालुओं की सुविधा के लिए र्पािर्कंग, हेल्प डेस्क तथा पर्ची बनाने के लिए स्थान निर्धारित करने के निर्देश संबंधित एसडीएम, मंदिर अधिकारी तथा डीएसपी को दिए गए हैं। इसी स्थान पर श्रद्वालुओं के लिए पर्ची पंजीकरण कांउटर भी स्थापित करने के साथ साथ मंदिर में कोविड प्रोटोकॉल की अनुपालना के संबंध में नियमों को भी साइन बोर्ड के माध्यम से प्रदर्शित किया जाएगा। सभी औपचारिकताएं पूर्ण करने वाले श्रद्वालुओं के लिए दर्शन स्लीप बनाई जाएगी उसके आधार पर ही मंदिर में दर्शन करने की अनुमति मिलेगी। साथ ही स्वास्थ्य विभाग को आवश्यक स्वास्थ्य सुविधाएं तथा एंबुलेंस की तैनाती के लिए भी निर्देश दिए गए हैं। उपायुक्त डा निपुण जिंदल ने कहा कि ज्वालामुखी, चामुंडा तथा ब्रजेश्वरी माता मंदिर में दर्शनों के लिए कोविड प्रोटोकॉल की अनुपालना सुनिश्चित करने के लिए पहले ही आवश्यक दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं। उन्होंने कहा कि मास्क का उपयोग जरूरी है इसके साथ ही सामाजिक दूरी की अनुपालना सुनिश्चित करना भी जरूरी है। उपायुक्त डा निपुण जिंदल ने कहा कि श्रावण अष्टमी नवरात्रों के दौरान लंगरों पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा इसके साथ ही आरती के समय भी मंदिरों में प्रवेश पूर्णतय वर्जित है।उन्होंने कहा कि मंदिरों के खुलने का समय प्रातः चार बजे से रात्रि दस बजे तक निर्धारित किया गया है। उपायुक्त डा निपुण जिंदल ने कहा कि श्रद्वालुओं को मंदिर में मूतियों को छूने तथा घंटियां इत्यादि बजाने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है इसके साथ ही प्रवेश तथा निकासी द्वार भी अलग अलग निर्धारित किए गए हैं।
रीजनल नार्थ
श्रद्वालुओं को दर्शन पर्ची के साथ ही मंदिर में जाने की मिलेगी अनुमति