बैंक ऑफ बड़ौदा ने मुंबई के दिग्गज उद्योगपति विजय गोवर्धनदास कलंत्री और उनके बेटे विशाल कलंत्री को जानबूझकर कर्ज नहीं चुकाने वाला (विलफुट डिफाल्टर) घोषित किया है। विजय कलंत्री महाराष्ट्र के पहले निजी बंदरगाह दिघी बंदरगाह के चेयरमैन और एमडी हैं, जबकि बेटा विशाल कंपनी में निदेशक है। दोनों पर 16 बैंकों का करीब 3334 करोड़ रुपये बकाया है। विजय सत्ता के गलियारे में अच्छी पैठ रखते हैं। बैंक ऑफ बड़ौदा ने रविवार, 2 जून को मुंबई के एक समाचार पत्र में इस संदर्भ में सूचना प्रकाशित की। इसमें कहा गया है कि आम लोगों को यह सूचना दी जाती है कि विजय बैंक (अब बैंक ऑफ बड़ौदा) ने इन लोगों को बैंक/आरबीआई के नियम, कानून तहत विलफुल डिफाल्टर घोषित किया है। ये नाम हैं, दिघी पोर्ट लिमिटेड (कर्जदार), विशाल विजय कलंत्री, डायरेक्टर और गारंटर और विजय गोवर्धनदास कलंत्री, डायरेक्टर और गारंटर। बैंक ने कर्जदार/गारंटर को विलफुल डिफाल्टर घोषित किए जाने की जानकारी दे दी है।