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 डीयू की अनूठी पहल, हर छात्र को लगाना होगा पेड़

 डीयू की अनूठी पहल, हर छात्र को लगाना होगा पेड़

नई दिल्ली । दिल्ली विश्वविद्यालय के हर विद्यार्थी को अपनी पढ़ाई के दौरान देश में कहीं भी एक पेड़ लगाना होगा। आगामी सत्र से इसे स्नातक, स्नातकोत्तर और एमफिल-पीएचडी स्तर के विद्यार्थियों के लिए अनिवार्य बनाया है। वृक्षरोपण डीयू में पढ़ाई का हिस्सा होगा। कॉलेजों और विभागों द्वारा वैज्ञानिक रूप से इसकी निगरानी होगी और मूल्यांकन किया जाएगा। विद्यार्थियों को पेड़ की छ: माह की मॉनिटरिंग रिपोर्ट फोटोग्राफ के साथ देनी होगी। विद्यार्थियों को सहूलियत रहे इसलिए वह कहीं भी पेड़ लगा सकते हैं।
डीयू कार्यवाहक कुलपति प्रो पीसी जोशी का कहना है कि विवि ने एक नया कदम उठाया है। इससे हम जमीनी स्तर पर पर्यावरण शिक्षा से पर्यावरणीय कार्रवाई की ओर बढ़ेंगे। हर वर्ष देश के विभिन्न राज्यों से लाखों विद्यार्थी यहां दाखिला लेते हैं। अब इन विद्यार्थियों को पौधा लगाना अनिवार्य होगा। ये छात्र हमारे जलवायु योद्धा होंगे। इस बात को ध्यान रखना चाहिए कि पौधे कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित कर आक्सीजन प्रदान करते हैं। कैंसर पैदा करने वाले रसायनों सहित कई हानिकारक प्रदूषकों को अवशोषित करते हैं, मिट्टी के कटाव, भूस्खलन को रोकने में मदद करते हैं। वृक्षारोपण और उसके बाद के रखरखाव से न केवल एक विविध स्तर पर रोजगार पैदा करने में मदद मिलेगी बल्कि कई उत्पाद भी मिलेंगे जो आय प्रदान करने में मदद करेंगे। पहली बार कोरोना महामारी के दौरान ऑक्सीजन की कमी का सामना करना पड़ा महामारी ने हमें काफी कुछ सिखाया। लिहाजा हमें भविष्य की समस्याओं से निपटने के लिए स्वयं को तैयार करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि लाखों पेड़ लगाना और प्राकृतिक पारिस्थितिकी तंत्र बनाना सबसे अच्छा तरीका है। इस लक्ष्य को विद्यार्थियों की भागीदारी के माध्यम से प्राप्त किया जा सकता है। इस प्रयास से विद्यार्थी पर्यावरण संरक्षण की दिशा में योगदान दे सकेंगे। हिमालयी अध्ययन केंद्र के निदेशक और यह प्रस्ताव देने वाले वनस्पतिशास्त्री प्रोफेसर दीनबंधु साहू ने कहा कि भारत में प्रति व्यक्ति केवल 28 पेड़ उपलब्ध हैं। जबकि वैश्विक औसत प्रति व्यक्ति 422 पेड़ हैं। पेड़ लगाना स्नातक विद्यार्थियों के लिए पर्यावरणीय अध्ययन के अनिवार्य कोर्स का हिस्सा होगा। जबकि स्नातकोत्तर विद्यार्थियों के लिए पहले सेमेस्ट का हिस्सा होगा जिसे संबंधित विभाग द्वारा प्रमाणित किया जाएगा। पीएचडी विद्यार्थियों के लिए यह कोर्स वर्क का हिस्सा होगा।
 

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