वैज्ञानिकों की चेतावनियां और मरीज़ों की विडम्बनाओं को समझना बहुत टेडी खीर हैं .एक तरफ कुआँ और दूसरी तरफ खाई .और मरना और प्रभावित होना मात्र मरीज़ों को .चिकित्सा विज्ञान आजकल संसद जैसा होता जा रहा हैंअब कुछ न कुछ परिवर्तन और परिवर्धन होते हैं और जो इसके चंगुल में फंसा उसका भविष्य अनिश्चित रहता हैं .सरकारें मात्र मूकदर्शक जैसी कार्य कर कर्तव्य से विमुक्त .
अब वैक्सीन लगवा चुके लोग भी कोरोना वायरस की चपेट में आ सकते हैं। हाल के शोध में ऐसे तमाम लोग ने सूचना दी है जो वैक्सीन की डोज लेने के बाद कोविड के लक्षणों से पीड़ित हैं।
2020 में आए कोविड-19 संक्रमित लोगों में सूखी खांसी और बुखार मुख्य लक्षण थे। इसके बाद कोरोना के मरीजों में तेज सिर दर्द, वदन दर्द और बुखार जैसे सिम्टम्स दिखे। लॉस ऑफ टेस्ट और लॉस ऑफ स्मेल भी कोविड के कॉमन सिम्टम्स हैं और इस परेशान से अब भी तमाम लोग जूझ रहे हैं। महामारी की शुरुआत में कोविड -19 लक्षणों को अन्य बीमारियों से अलग किया गया था।
जैसे-जैसे कोरोना के नए वेरिएंट्स आते रहे वैसे-वैसे इसके सिम्टम्स में भी बदलाव देखने को मिला। अब सुनने में आ रहा है कि वैक्सीन लगावाने वालों में भी कोविड के समान सिम्टम्स दिख रहे हैं। इस मामले को लेकर हाल ही में वैज्ञानिकों का एक शोध भी आया है जिसमें कोविड के सिम्टम्स के आकड़ों के बारे में जानकारी दी गई है।
डेल्टा वेरिएंट्स के कारण बदल गए कोविड के लक्षण
2020 में आए कोविड-19 संक्रमित लोगों में सूखी खांसी और बुखार मुख्य लक्षण थे। इसके बाद कोरोना के मरीजों में तेज सिर दर्द, वदन दर्द और बुखार जैसे सिम्टम्स दिखे। लॉस ऑफ टेस्ट और लॉस ऑफ स्मेल भी कोविड के कॉमन सिम्टम्स हैं और इस परेशानी से अब भी तमाम लोग जूझ रहे हैं। महामारी की शुरुआत में कोविड -19 लक्षणों को अन्य बीमारियों से अलग किया गया था।
जैसे-जैसे कोरोना के नए वेरिएंट्स आते रहे वैसे-वैसे इसके सिम्टम्स में भी बदलाव देखने को मिला। अब सुनने में आ रहा है कि वैक्सीन लगवाने वालों में भी कोविड के समान सिम्टम्स दिख रहे हैं। इस मामले को लेकर हाल ही में वैज्ञानिकों का एक शोध भी आया है जिसमें कोविड के सिम्टम्स के आकड़ों के बारे में जानकारी दी गई है।
डेल्टा वेरिएंट्स के कारण बदल गए कोविड के लक्षण
यूनाइटेड किंगडम में चल रहे एक अध्ययन ने सबसे हालिया कोविड -19 लक्षणों पर डेटा प्रकाशित किया है। रिपोर्ट में इन्फेक्टेड लोगों ने एक ऑनलाइन ऐप के माध्यम से अपने कोविड लक्षणों की सूचना दी है। निष्कर्षों के अनुसार, कोविड -19 के लक्षण स्पष्ट रूप से बदल गए हैं। डेल्टा वेरिएंट इसका कारण हो सकता है, जो यूके में अब तक 99% संक्रमणों के लिए जिम्मेदार है।
टीका लगवा चुके लोगों कोविड के लक्षण
रिपोर्ट के अनुसार, ऑनलाइन ऐप पर वैक्सीन लगवा चुके और बिना टीकाकरण वाले लोगों ने कोविड -19 के एक जैसे ही लक्षण बताए। हालांकि, जिन लोगों को पहले से ही टीका लग चुका था, उन्होंने कम समय में हल्के सिम्टम्स की सूचना दी। इसका मतलब साफ है कि अब टीका लगाए गए लोग भी कोरोनावायरस से संक्रमित हो सकते हैं।
हालांकि शोध का ताजा डेटा इस बात की भी पुष्टि करता है कि इन लोगों में आमतौर पर हल्के लक्षण होते हैं और यह टीकाकरण गंभीर, यहां तक कि जानलेवा कोविड -19 को रोकते हैं।
वैक्सीन लगवाने वालों में कोविड के लक्षण
सिरदर्द बहती नाक, छींक आना गले में खरास लॉस ऑफ सेंस ऑफ स्मेल
इनमें से कई ऐसे लक्षण हैं जिन्हें हम आमतौर पर सर्दी के सिम्टम्स मान लेते हैं। ऐसे में दो बीमारियों को भ्रमित करने की संभावना खतरनाक है और यूके में डेल्टा वेरिएंट के प्रसार में ऐसे ही लक्षण की भूमिका हो सकती है।
जिन लोगों का टीकाकरण नहीं हुआ है, उनमें कोविड के लक्षणों कुछ इस तरह से हैं।--------
सिरदर्द,गले में खरास, बहती नाक, बुखार ,लगातार खांसी
सूंघने की कमी सूची में नौवें स्थान पर आ गई, और सांस की तकलीफ 30वें स्थान पर और भी नीचे आ गई। ये उतार-चढ़ाव यह संकेत दे सकते हैं कि पहले के वायरस के लक्षण नए वेरिएंट के आते ही बदल जाते हैं।
ऐसे लक्षण दिखने पर तुरंत जांच कराएं
यदि आप अस्वस्थ महसूस करते हैं तो बिना देर किए अपना कोविड टेस्ट कराएं और निगेटिव रिपोर्ट आने तक दूसरों से दूरी बनाकर रखें। एक्सपर्ट का कहना है कि कोविड के बदले हुए सिम्टम्स से खासकर युवा आबादी के ज्यादा संक्रमित होने की संभावना है इसलिए आपको सावधान रहना होगा, भले ही आप गंभीर रूप से बीमार महसूस न करें। मेंज विश्वविद्यालय द्वारा हाल ही में किए गए गुटेनबर्ग कोविड -19 स्टडी से पता चला है कि SARS-CoV-2 से संक्रमित सभी लोगों में से 40% से अधिक अपने कोविड संक्रमण से अनजान थे।
वहीं न्यूयॉर्क के बेल्यूव हॉस्पिटल सेंटर के संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ. सेलिन गाउंडर स्पष्ट का कहना है कि अगर आपने वैक्सीन लगवा ली है और आप सुरक्षित हैं। भले ही आप पर वायरस अधिक प्रभाव नहीं दिखा पाएगा लेकिन ऐसा होने आप उनके लिए मुश्किल खड़ी कर सकते हैं जिन्हें डोज नहीं मिली। टीका लगवा चुके लोग वायरस के कैरियर यानी एसिम्टोमैटिक बन सकते हैं। वे दूसरों को संक्रमित करने का प्रमुख कारण हो सकते हैं।
इसका आशय यह हैं की हम अभी भी सुरक्षित नहीं हैं .वैसे हम लोग कोई न कोई बीमारी से ग्रसित रहते हैं .कुछ छुपी होती हैं और कुछ उजागर .हमें कोरोना के बचाव के नियमों का पालन सख्ती से करना होगा .चाहे आपने वैक्सीन ले ली या पहले रोग ग्रसित हो चुके ..आजकल बचाव की सुरक्षा के साथ लापरवाही करना घातक हो सकता हैं .क्योकि यह रोग शीघ्रता से गंभीरता की ओर ले जाता हैं।
(विद्यावाचस्पति डॉक्टर अरविन्द प्रेमचंद जैन)