वॉशिंगटन । अफगानिस्तान में तालिबान का आतंक जारी है। तालिबान ने 6 प्रांतीय राजधानियों पर कब्जा कर लिया है।अमेरिका की योजना अफगान सेना को हथियार और प्रशिक्षण देने की है, लेकिन एक महत्वपूर्ण सवाल यह है कि क्या वह 31 अगस्त के बाद तालिबान के खिलाफ हवाई हमले करेगा? दरअसल, अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन ने संकेत दिया है कि सेना की वापसी के बाद तालिबान के खिलाफ अभियान सीमित होगा। पेंटागन के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा, यह उनका देश है, जिसकी रक्षा करना है, यह उनका संघर्ष है।
पेंटागन के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा कि अमेरिकी बमबारी ने पिछले सप्ताह अफगान सहयोगियों का समर्थन किया था, लेकिन संकेत दिया कि वापसी के बाद ऐसा करने का कोई निर्णय नहीं है। प्रशासन ने पहले कहा था कि हवाई शक्ति आतंकवाद विरोधी अभियानों तक सीमित होगी। हालांकि, अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन विद्रोहियों की गति को उलटने के लिए सीमित विकल्पों के साथ अमेरिका से बाहर निकलने के लिए दृढ़ हैं। बाइडन ने कहा था, लगभग 20 वर्षों के अनुभव ने हमें दिखाया है कि अफगानिस्तान में लड़ाई का सिर्फ एक और साल कोई समाधान नहीं है, बल्कि अनिश्चित काल तक वहां रहने का एक नुस्खा है।बाइडन ने लंबे समय से अमेरिका के सबसे लंबे युद्ध को समाप्त करने का समर्थन किया है।उनका मानना है कि इससे अधिक कुछ हासिल नहीं किया जा सकता है। वहीं, 2017 तक अफगानिस्तान और पाकिस्तान के लिए अमेरिका के विशेष प्रतिनिधि लॉरेल मिलर ने कहा, सैनिकों की वापसी का निर्णय से पहले अमेरिका को संभावित मौजूदा हालात की पूरी जानकारी थी।
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अफगानिस्तान उसके ही हाल पर छोड़ेगा अमेरिका, कहा उनका देश है, जिसकी रक्षा करना है, यह उनका संघर्ष