कोलकाता । हुगली जिले के पांडुआ अंचल के बैचीग्राम स्थित तारा हार्बर फर्मास्युटिकल आयुर्वेदिक दवा कारखाने के श्रमिकों को कोरोना का टीका नहीं लगने के कारण प्रबंधन ने कारखाने को बंद कर दिया है। कारखाना बंद होने से 35 अस्थायी श्रमिकों के सामने रोजी-रोटी की समस्या पैदा हो गई है।
कारखाने के मालिक सुभाष मंडल ने कहा कारखाने में काम करने वाले श्रमिकों को कोरोना का टीका लगवाने के लिए मैंने स्थानीय पंचायत एव ब्लाक प्रशासन के पास आवेदन किया था, लेकिन अभी तक प्रशासन की ओर से इन मजदूरों को टीका लगवाने की व्यवस्था नहीं की गई है। गरीब श्रमिकों के स्वास्थ्य के प्रति सचेत होकर हमलोगों ने कारखाना बंद करने का फैसला किया है।
उन्होंने कहा मैंने निजी स्वास्थ्य केंद्रों में भी अपने मजदूरों को टीका लगवने का प्रयास किया लेकिन वहां भी टीका उपलब्ध नहीं हो पाया। दूसरी तरफ मजदूरों का कहना है कि कारखाना बंद होने से उनके सामने आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया है। वे पहले से ही कोरोना महामारी से जूझ रहे हैं। कारखाना बंद होने से रोजी-रोटी पर भी आफत आ गई है।
कारखाने के गाड़ी चालकों का कहना है कि कोरोना के टीके का डबल डोज नहीं लगने के चलते उन्हें दूर-दराज के क्षेत्रों में माल की आपूर्ति के समय होटल में रहने की सुविधा नहीं मिल पा रही थी। रास्ते में ही रात गुजारनी पड़ रही थी। हुगली जिले के स्वास्थ्य अधिकारी का कहना है कि कल-कारखानों में काम करने वाले मजदूरों को कोरोना का टीका लगवाने की प्रक्रिया जारी है। इस कारखाने के मजदूरों को अबतक टीका क्यों नहीं लग पाया है, इसकी जांच की जा रही है।
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श्रमिकों को वैक्सीन नहीं लगने के कारण बंद किया कारखाना