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पीओके में जबरदस्ती चुनाव करवाना कोरोना का सुपर स्प्रेडर बना -पाकिस्तान के योजना मंत्री असद उमर ने जमकर निकाली भड़ास  

पीओके में जबरदस्ती चुनाव करवाना कोरोना का सुपर स्प्रेडर बना -पाकिस्तान के योजना मंत्री असद उमर ने जमकर निकाली भड़ास  

इस्लामाबाद । पीओके यानि पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में जबरदस्ती चुनाव करवाना इमरान खान सरकार के लिए भारी परेशानी का सबब बनता दिखाई पड़ रहा है। चुनाव के दौरान जमकर हुई हिंसा के बाद जबरन कब्जाए गए इस इलाके में कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। संक्रमण की रफ्तार को देखते हुए पाकिस्तान के योजना मंत्री और कोरोना को लेकर बनी और नेशनल कमांड एंड ऑपरेशन सेंटर के प्रमुख असद उमर ने जमकर भड़ास निकाली है। उन्होंने पीओके के चुनाव को सुपर स्प्रेडर इवेंट तक करार दिया है। असर उमर ने कहा कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव महामारी के लिए प्रकोप फैलाने वाले साबित हुए हैं। पाकिस्तानी स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तान में पिछले 24 घंटे में संक्रमण से मौत के 102 मामले दर्ज किये जो 20 मई के बाद से सर्वाधिक हैं। इसके बाद देश में संक्रमण से मरने वालों की संख्या 24,187 हो गई, वहीं एक दिन में कोरोना वायरस के 4,934 नए मामलों के साथ कुल मामलों की संख्या 10,85,294 हो गई।
योजना मंत्री और नेशनल कमांड एंड ऑपरेशन सेंटर (एनसीओसी) के प्रमुख असद उमर ने वायरस का संक्रमण बढ़ने के लिए पीओके में 25 जुलाई को हुए चुनावों को जिम्मेदार ठहराया। उमर ने ट्वीट किया कि उन्होंने सिफारिश की थी कि पीओके में चुनाव कुछ महीने के लिए टाले जाएं और चुनाव से पहले विशेष टीकाकरण अभियान चलाया जाए। उन्होंने कहा कि हालांकि इस पर सहमति नहीं बनी। चुनावों (पीओके में) ने संक्रमण को तेजी से फैलाने का काम किया है। भारत ने पीओके में हुए चुनावों को खारिज करते हुए कहा था कि यह पाकिस्तान द्वारा अवैध कब्जे को छिपाने की कोशिश है और उसने इस विषय पर कड़ा ऐतराज जताया है। चुनाव में प्रधानमंत्री इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी को जीत मिली है। उमर ने कहा कि चुनावों के बाद से पीओके में संक्रमण दर 25 से 30 प्रतिशत है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, पाकिस्तान की मौजूदा संक्रमण दर 8.31 प्रतिशत है जो पिछले महीने देश को अपनी जद में लेने वाली महामारी की चौथी लहर के दौरान सर्वाधिक है। मंत्रालय के अनुसार, टीकाकरण अभियान में तेजी के बावजूद भी वायरस संक्रमण की रफ्तार कम नहीं हो रही है।
 

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