मुंबई, । महाराष्ट्र सरकार ने कोरोना संकट में विद्यार्थियों को बड़ी राहत देते हुए शैक्षणिक वर्ष २०२१-२२ के लिए निजी स्कूलों की फीस में १५ प्रतिशत की कटौती की है। इस संबंध में स्कूली शिक्षा विभाग की ओर से शासनादेश जारी कर दिया गया है। स्कूली शिक्षा विभाग की ओर से सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए यह निर्णय लिया गया है। दरअसल स्कूल बंद थे लेकिन ऑनलाइन पढ़ाई चल रही थी। ऐसे में विद्यार्थियों के अभिभावकों की ओर से फीस में कटौती करने की मांग उठ रही थी। स्कूली शिक्षा विभाग की ओर से शैक्षणिक वर्ष २०२१-२२ की कुल फीस में १५ प्रतिशत कटौती करने का निर्देश निजी स्कूलों को दे दिया गया है। जिन अभिभावकों ने पूरी फीस भर दी है, वह अतिरिक्त राशि अगली फीस में समाहित की जानी चाहिए। यदि समाहित करना संभव नहीं है तो अतिरिक्त राशि संबंधित अभिभावक को वापस की जानी चाहिए। फीस में की गई कटौती की राशि को लेकर कोई विवाद निर्माण होने पर संबंधित विभागीय शुल्क नियामक समिति या विभागीय शिकायत निवारण समिति का फैसला अंतिम रहेगा। कोरोना संकट के कारण यदि कोई विद्यार्थी फीस नहीं भर पाया है तो उसकी पढ़ाई नहीं रोकी जानी चाहिए। विद्यार्थियों को परीक्षा में बैठने या उनकी मार्कशीट या अन्य प्रमाण पत्र देने से स्कूल प्रबंधन इंकार नहीं कर सकता।
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महाराष्ट्र में स्कूल फीस में १५ प्रतिशत की कटौती