शिमला । हिमाचल प्रदेश में लाहौल स्पीति के उदयपुर के जालहमा के पास पहाड़ टूट कर चंद्रभागा नदी में गिर गया। इस कारण चंद्रभागा नदी का बहाव रुक गया, जिससे 12 गांव के डूबने से बच गए। दरअसल, लगातार हो रही मूसलाधार बारिश के चलते चंद्रभागा नदी उफान पर आ गई और गांवो में पानी भरने का खतरा बढ़ गया था। हालांकि, जुंडा नाले का पहाड़ टूटकर गिरने से चंद्रभागा नदी का बहाव पूरी तरह से रुक गया। इस घटना के बाद आनन फानन में शिमला से डीजीपी संजय कुंडू, मुख्य सचिव राम सुभाग और मंत्री रामलाल मारंकडा हेलिकॉप्टर से लाहौल पहुंच गए थे और घटना स्थल का जायजा लिया। घटना के बाद लोगों ने अपनो घरों को खाली करना शुरू कर दिया था। क्योंकि लगातार जल स्तर बढ़ने लगा था और डैम बनने लगा था। इस भू-स्खलन की घटना पर सीएम जय राम ठाकुर ने ने बाढ़ का खतरा थोड़ा कम होने की बात कही है।
सीएम ने कहा कि फिलहाल खतरा थोड़ा कम हुआ है, लेकिन एतियात के तौर पर कुछ स्थानों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है। हालांकि इस घटना पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ भी बातचीत की गई है। उदयपुर क्षेत्र में नालड़ा के समीप चंद्रभागा नदी में पहाड़ से भू- स्खलन होने के बादप्रभावित परिवारों से भी मिले और उन्हें फौरी राहत देने के अलावा अन्य दैनिक जरुरत की सुविधा देने को लेकर भी स्थानीय प्रशासन को कदम उठाने के लिए कहा। मौके पर उपायुक्त नीरज कुमार और पुलिस अधीक्षक मानव वर्मा भी मौजूद रहे। लाहौल स्पीति के एसपी मानव वर्मा ने कहा कि चन्द्रभागा नदी में भूस्खलन से पानी के ठहराव पर बने आपात हालातों में सारे स्थानीय लोगों को सचेत किया। उन्हें अभी भी सतर्क और ध्यानपूर्वक रहना पड़ेगा जब तक चंद्रभागा नदी का बहाव सामान्य नहीं हो जाता।
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चंद्रभागा नदी में टूटकर गिरा पहाड़, बहाव रुकने से डूबने से बचे 12 गांव