नई दिल्ली । कॉन्फेडरेशन ऑफ इंडिया इंडस्ट्री (सीआईआई) की सालाना बैठक में केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने भारतीय उद्योगपतियों की बिजनेस प्रैक्टिसेस को राष्ट्रहित के खिलाफ बताया था उन्होंने 153 साल पुराने टाटा ग्रुप पर जमकार निशाना साधा था।
भारत के प्रति टाटा स्टील की प्रतिबद्धता पर सवाल उठाते हुए गोयल ने उसे चुनौती दी कि क्या वे जापान और कोरिया में अपने उत्पाद बेच सकते हैं? उन्होंने यह तर्क दिया कि जापान और कोरिया की कंपनियां 'राष्ट्रवादी' हैं और आयात किया गया स्टील नहीं खरीदती हैं। जबकि भारतीय उद्योग आयात करेगा, भले ही इससे उन्हें माल की तैयार लागत में सिर्फ 10 पैसे की बचत हो रही हो।
भारतीय उद्योग की ‘देशभक्ति’ पर सवाल उठाने पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने कहा कि
“मैं भारतीय उद्योग पर पीयूष गोयल के अकारण हमलों से बिल्कुल स्तब्ध हूं। पहले, उन्होंने सुनिश्चित किया कि राज्यसभा बिल्कुल न चले, और अब यह अजीबोगरीब हमला! वो आधिकारिक मंजूरी के बिना नहीं बोल सकते, है ना?”
सांसद और कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता मनीष तिवारी ने तंज करते हुए कहा “आप वही काटते हैं जो आप बोते हैं।बॉम्बे क्लब 1।0 ने 2012-2014 के बीच एनडीए/बीजेपी सरकार बनाई और एक पार्टी को नहीं बल्कि एक व्यक्ति को सर्वेसर्वा बना दिया।और अब पीयूष गोयल उन्हें राष्ट्रविरोधी करार देते हैं।”
रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी और सीबीआई डायरेक्टर एम। नागेश्वर राव ने बीजेपी सरकार की आर्थिक नीतियों पर सवाल करते हुए कहा "खुशी है कि पीयूष गोयल ने अपने दिल से बात की।एक दशक से भी कम समय में भारत के अमीर सुपर-रिच हो गए, जबकि बाकी लोगों के लिए आम जरूरत को पूरा करना भी मुश्किल है।यह सब केंद्र सरकार के ‘इज ऑफ लिविंग’ के बजाय ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ पर असाधारण ध्यान देने के कारण है।" सीआईआई की वार्षिक बैठक में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल की टिप्पणी के 19 मिनट के वीडियो को बाद में डिलीट कर दिया गया।
इकॉनमी
जापान और कोरिया की कंपनियां 'राष्ट्रवादी' हैं जबकि भारतीय उद्योग लालची - पीयूष गोयल