नई दिल्ली । अफगानिस्तान में तालिबान का राज लौटने से भले ही लाखों लोग अपने ही वतन को छोड़ने के लिए मजबूर हैं, लेकिन तालिबान खान' कहलाने वाले पाक पीएम इमरान खान ने फिर से अपने खतरनाक मंसूबे जाहिर कर दिए हैं। इमरान ने सोमवार को तालिबान के अफगानिस्तान की सत्ता पर काबिज होने का स्वागत कर तालिबान की वापसी को 'दासती की जंजीरों को तोड़ने वाला' बताया है। महिलाओं, युवाओं और आधुनिकतावादी विचारों को मानने वाले लोगों के लिए खतरनाक तालिबान का चीन और ईरान ने भी स्वागत किया है। एक तरफ चीन ने उम्मीद जाहिर है, कि तालिबान का शासन स्थायी होगा, वहीं ईरान का कहना है कि अमेरिका की हार से स्थायी शांति की उम्मीद जगी है।
इमरान ने कहा,जब आप दूसरे का कल्चर अपनाते हैं,तब फिर मानसिक रूप से गुलाम होते हैं। याद रखें कि यह वास्तविक दासता से भी बुरा है। सांस्कृतिक गुलामी की जंजीरों को तोड़ना आसान नहीं होता है। अफगानिस्तान में इन दिनों जो हो रहा है, वह गुलामी की जंजीरों को तोड़ने जैसा है। बता दें कि तालिबान ने रविवार को काबुल शहर पर भी कब्जा करने के बाद अमेरिका समर्थित सरकार के राष्ट्रपति गनी देश छोड़कर ही भाग गए हैं। वहीं काबुल एयरपोर्ट पर लोगों का हुजूम उमड़ रहा है, जो देश छोड़कर निकलना चाहते हैं।
अफगानिस्तान में तालिबान का राज आने के बाद अमेरिका, ब्रिटेन, साउथ कोरिया, ऑस्ट्रेलिया सहित कई देशों ने अपने दूतावासों को ही बंद कर राजनयिकों को वापस निकाल रहे हैं। वहीं ईरान, चीन, रूस और पाकिस्तान जैसे देशों ने तालिबान में अब भी अपने दूतावासों में काम जारी रखा है। इसके अलावा इनकी ओर से तालिबान की सरकार को मान्यता देने के संकेत मिले हैं। चीन ने तालिबान के साथ मिलकर काम करने की इच्छा जाहिर कर कहा है कि वह समावेशी सरकार देगा। चीन ने कहा, हम उम्मीद करते हैं कि तालिबान अपने वादे पर खरा उतरेगा और देश में खुली एवं समावेशी विचारों वाली सरकार बनाएगा।'
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तालिबान की सरकार को मान्यता देगा पाकिस्तान, चीन और ईरान, इमरान ने कहा 'दासती की जंजीरों को तोड़ने वाला'