यूसैक से निकाले गये कर्मचारियों ने अपनी बहाली की मांग को लेकर धरनास्थल पर अंतरिक्ष उपयोग केन्द्र के निदेशक के खिलाफ प्रदर्शन कर धरने पर बैठे रहे। इस अवसर पर कर्मचारियों ने आंदोलन को तेज करने की चेतावनी दी। उनका कहना है कि एक वर्ष संधर्ष करते हुए हो गये है लेकिन अभी तक बहाली नहीं हो पाई है जो चिंता का विषय है।
यहां धरना स्थल पर यूसैक से निकाले गये कर्मचारी शीला रावत के नेतृत्व में इकटठा हुए और वहां पर उन्होंने अपनी बहाली की मांग को लेकर प्रदर्शन करते हुए धरना दिया। इस अवसर पर शीला रावत का कहना है कि लगातार संघर्ष करने के बावजूद व उच्च अधिकारियों द्वारा निदेशक को लिखित रूप में आदेश दिये जाने के बाद भी उनकी बहाली नहीं हो पा रही है और निदेशक लगातार हठधर्मिता पर उतर आये है। उन्होंने कहा कि विभाग में सात वर्ष से निरन्तर कार्यरत महिला व पुरुष कर्मियों को उत्पीड़न कर बाहर करने के निर्णय को वापस लेकर, ससम्मान विभाग में वापसी की जाये और आउट सोर्स पर तैनात सभी कर्मियों की विभाग में स्थाई नियुक्ति प्रदान की जाये। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही बहाली न होने पर आंदोलन को तेज किया जायेगा।
उनका कहना है कि उनके हितों की अनदेखी की जा रही है। जो चिंता का विषय है। उनका कहना है कि अभी तक यूसैक की ओर से बहाली के लिए किसी भी प्रकार के कोई प्रयास नहीं किये गये है जो चिंताजनक है। लगातार उनके हितों की ओर किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है जो चिंता का विषय है। उनका कहना है कि लगातार उनका उत्पीड़न किया जा रहा है और पुनः समायोजन के लिए कोई ठोस कार्यवाही नहीं हो पा रही है। उन्होंने कहा कि आंदोलन को वृहद स्तर पर ले जाया जायेगा और इसके लिए रणनीति तैयार की जायेगी।
उन्होंने कहा कि ेलंबे समय से आंदोलन करने के बावजूद भी उनकी बहाली नहीं हो पाई है और केन्द्र निदेशक लगातार हठधर्मिता पर उतर आये है, जिसका जवाब दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि उच्च अधिकारियों के आदेश के बावजूद भी निदेशक कर्मचारियों को बहाल नहीं कर रहे है जो खेदजनक है। उनका कहना है कि शीघ्र ही उनकी मांगों का समाधान नहीं किया गया तो आंदोलन को तेज किया जायेगा। उनका कहना है कि लंबे समय से आंदोलन किया जा रहा है लेकिन अभी तक केन्द्र के निदेशक के खिलाफ किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं की गई है जो चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि जल्द ही आंदोलन को तेज किया जायेगा।
उन्होंने कहा कि लगातार उच्च अधिकारियों के आदेश के बावजूद भी आज तक उनकी बहाली नहीं हो पाई है जो चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि प्रतिनियुक्ति पर तैनात निदेशक एमपीएस बिष्ट पर महिला उत्पीड़न व तानाशाही को लेकर कार्यवाही किये जाने की आवश्यकता है और उच्चाधिकारियों को इसका संज्ञान लेना होगा। उन्होंने कहा कि लगातार संघर्ष करने के बावजूद आज तक उनके हितों के लिए ठोस प्रयास नहीं किये गये है जो चिंता का विषय है।
उन्होंने कहा कि अब आर पार का आंदोलन किया जायेगा। इसके लिए जल्द ही रणनीति तैयार की जानी चाहिए। उन्होंने ेआरोप लगाते हुए कहा कि निदेशक का रवैया हठधर्मिता का हो गया है जो उच्च अधिकारियों के आदेशों का पालन नहीं हो पा रहा है। उनका कहना है कि विभाग में व्याप्त अनियमित्ताओं की निष्पक्ष जांच की जाये और विभाग में महिला उत्पीड़न रोकने के लिए, वूमैन सेल का गठन तत्काल प्रभाव से किया जाये। आज तक किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं की गई है जो चिंता का विषय है और आंदोलन को चरणबद्ध तरीके से संचालित किया जायेगा। उन्होंने कहा कि एक वर्ष से अधिक समय से आंदोलन किया जा रहा है लेकिन आज तक उनकी बहाली नहीं हो पाई है जिससे कर्मचारियों में रोष बना हुआ है। इस अवसर पर धरने पर हटाये गये कर्मचारी व संगठनों के कार्यकर्ता मौजूद थे।
नेशन
यूसैक कर्मचारियों का प्रदर्शन जारी