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 बिना जाँच किए ये कहना कि ऑक्सीजन की कमी से नहीं हुई कोई मौत, पीड़ितों के जख्मों पर नमक छिड़कने जैसा है: उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया

 बिना जाँच किए ये कहना कि ऑक्सीजन की कमी से नहीं हुई कोई मौत, पीड़ितों के जख्मों पर नमक छिड़कने जैसा है: उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया

नई दिल्ली । दिल्ली सरकार ने ऑक्सीजन की कमी से दिल्ली में हुई मौतों की जाँच करवाने के लिए गठित कमिटी की फाइल एलजी के पास दोबारा भेजी है साथ ही उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि वे एलजी को दिल्ली सरकार द्वारा गठित मेडिकल एक्सपर्ट्स की हाई-लेवल जाँच कमिटी को मंजूरी देने के लिए समुचित निर्देश दे| उपमुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली सरकार एक जिम्मेदार सरकार के नाते दिल्ली में ऑक्सीजन की कमी से हुई मौतों की जाँच करवाना चाहती है।  बिना किसी जाँच के दिल्ली में ऑक्सीजन की कमी से हुई मौतों के आंकड़े बता पाना मुश्किल है। साथ ही बिना जांच के ये कह देना कि ऑक्सीजन की कमी से कोई मौत हुई ही नहीं  ये पीड़ितों के जख्मों पर नमक छिड़कने जैसा है। उन्होंने कहा कि 21वीं सदी में किसी भी देश में महामारी के दौरान ऑक्सीजन की कमी से लोगो की हुई मौते व्यवस्था पर सवाल खड़ा करती है|
श्री सिसोदिया ने कहा कि, ”माननीय कोर्ट और केंद्र सरकार ने राज्यों से ऑक्सीजन की कमी से हुई मौतों का आंकड़ा माँगा। देश की संसद में भी ये मामला उठा. दिल्ली सरकार ने इस बात की जांच के लिए मेडिकल एक्सपर्ट्स की हाई लेवल कमेटी का गठन किया था लेकिन एलजी साहब ने उसे मंजूरी नहीं दी थी। अब हमने  जाँच कमिटी को अप्रूवल देने की फाइल उपराज्यपाल साहब को दुबारा भेज दी है और हम उम्मीद करते है की उपराज्यपाल जल्द ही कमिटी को मंजूरी दे देंगे|”  उन्होंने एलजी को लिखे पत्र में कहा है कि 21वीं सदी में किसी भी देश में महामारी के दौरान ऑक्सीजन का संकट खड़ा हो जाए तो ये व्यवस्था पर बहुत बड़ा सवाल खड़ा करता है| इसलिए एक जिम्मेदार सरकार होने के नाते हमें इससे भागना नहीं चाहिए बल्कि व्यवस्था को ठीक करना चाहिए और बड़े सुधार करने चाहिए न की आंकड़ों को छुपाना चाहिए| ये अच्छे गवर्नेंस मॉडल की पहचान नहीं है|
उपमुख्यमंत्री ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को भी इस बाबत चिट्ठी लिखा है। पत्र में दिल्ली में हुए ऑक्सीजन संकट के सभी घटनाक्रमों और तथ्यों की जानकारी देते हुए बताया कि किस तरह से दिल्ली में ऑक्सीजन की त्राहि-त्राहि मची थी और हॉस्पिटल तथा मरीज व उनके तीमारदार लगातार SOS भेज रहे थे|  इस दौरान कई लोगों की ऑक्सीजन की कमी से मौतें भी हुई थी। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान दिल्ली में रोजाना कोरोना के 27-28 हज़ार नए मामले आने से दिल्ली में मेडिकल ऑक्सीजन की भरी कमी हुई, जिससे कई लोगों ने ऑक्सीजन की कमी से अपनी जान गँवाई| अब बिना जांच के ये कहना की ऑक्सीजन की कमी से कोई मौत नहीं हुई, उन तमाम मरीजों के रिश्तेदारों के जख्मों पर नमक छिडकने जैसा है जिन्होंने कोरोना के दौरान ऑक्सीजन की कमी से अपनी जान गँवाई।
उपमुख्यमंत्री ने गृह मंत्री को भेजे पत्र में लिखा कि केंद्र सरकार राज्यों में ऑक्सीजन की कमी से हुई मौतों के आंकड़े जानना चाहती है लेकिन बिना किसी जाँच के ये बताना संभव नहीं होगा| उन्होंने गृहमंत्री अमित शाह से अपील करते हुए कहा कि केंद्र सरकार द्वारा इसके लिए अब दिल्ली के एलजी को निर्देश भेजना चाहिए कि एलजी जाँच कमिटी को मंजूर कर फाइल पास कर दे ताकि कमिटी अपनी जाँच पूरी कर केंद्र सरकार को अपनी रिपोर्ट भेज सके, और आगे के गवर्नेंस में सुधार के लिए इसका उपयोग किया जा सके।
 

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