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राफेल मामले में कांग्रेस-भाजपा के बीच तीखी जुबानी जंग जारी

राफेल मामले में कांग्रेस-भाजपा के बीच तीखी जुबानी जंग जारी

राफेल मुद्दे पर कांग्रेस और भाजपा के बीच जारी जुबानी जंग का स्तर और नीचे चला गया, जब बकांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर देशद्रोह करने और अनिल अंबानी के बिचौलिए के रूप में काम करने का आरोप लगाया। इस पर पलटवार करते हुए भाजपा ने दावा किया उन्होंने (पीएम नरेंद्र मोदी ने) विदेशी कंपनियों के लिए लॉबीस्ट के रूप में काम किया।  भाजपा नेता रवि शंकर प्रसाद ने कहा गांधी परिवार का देश को लूटने का इतिहास रहा है। उन्होंने कहा यह बेशर्मी और गैरजिम्मेदारी की पराकाष्ठा है कि कांग्रेस अध्यक्ष ईमानदार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कीचड़ उछाल रहे हैं। मोदी पर हमला बोलते हुए गांधी ने 28 मार्च, 2015 को एयरबस के कार्यकारी निकोलस कैमस्की द्वारा कथित तौर पर लिखा गया ईमेल मीडिया में जारी किया। सब्जेक्ट में "अंबानी" लिखे इस ईमेल को तीन लोगों को भेजा गया था। 
ईमेल का संदर्भ देते हुए गांधी ने दावा किया कि 2015 में मोदी के दौरे के दौरान भारत और फ्रांस द्वारा की गई राफेल सौदे की घोषणा से पहले ही अंबानी को इसकी जानकारी थी। उन्होंने कहा कि यह सरकारी गोपनीयता कानून का उल्लंघन है। पीएम मोदी को ऐसा करने के लिए जेल में डाल दिया जाना चाहिए। राहुल को "झूठ की मशीन" करार देते हुए रविशंकर प्रसाद ने कहा कि ईमेल हेलीकॉप्टर सौदे से संदर्भित है न कि राफेल खरीद थे। उन्होंने एयरबस को भी कटघरे में खड़े करते हुए कहा कि यूरोपीय विमान निर्माता कंपनी पूर्ववर्ती कांग्रेस नीत सरकार में हुए सौदों को लेकर संदेह के घेरे में है। गांधी के दावे पर प्रतिक्रिया देते हुए अंबानी के रिलायंस डिफेंस ने कहा कि ईमेल में उल्लेखित प्रस्तावित एमओयू का जिक्र एयरबस हेलीकाप्टर से उसके सहयोग को लेकर किया गया है इसका लड़ाकू विमान सौदे से कोई लेना-देना नहीं है। 
एयरबस पर प्रसाद द्वारा की गई टिप्पणी को लेकर इसके प्रवक्ता ने कहा हम जांच से जुड़े मामलों को लेकर कोई टिप्पणी नहीं करते। हमने अतीत में भारतीय अधिकारियों के साथ सहयोग किया है और आगे भी करते रहेंगे। प्रेस कान्फ्रेंस के दौरान गांधी ने दावा किया कि ईमेल से साफ है कि अंबानी फ्रांस के तत्कालीन रक्षामंत्री ज्यां-यवेस ले ड्रियन के दफ्तर गए थे और वहां तैयार हो रहे सहमति पत्र का जिक्र किया जिस पर प्रधानमंत्री की यात्रा (फ्रांस की) के दौरान हस्ताक्षर होने वाले थे। कांग्रेस अध्यक्ष ने पूछा कि किस तरह अंबानी को इस सौदे का पता चला और उन्होंने इसका उल्लेख फ्रांस के रक्षा मंत्री के दफ्तर में किया, जबकि तत्कालीन विदेश सचिव एस जयशंकर और तत्कालीन रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर को भी इसके बारे में जानकारी नहीं थी। 
गांधी ने आरोप लगाया कि यह सरकारी गोपनीयता कानून का उल्लंन है। यह देशद्रोह है और जासूस ऐसा ही करते हैं। प्रधानमंत्री एकमात्र व्यक्ति थे जिन्हें सौदे की जानकारी थी और उन्होंने इस बारे में अनिल अंबानी को बताया। प्रधानमंत्री अनिल अंबानी के बिचौलिए की तरह काम कर रहे हैं। उन्होंने इस मामले की आपराधिक जांच की मांग की। प्रसाद ने पलटवार करते हुए कहा राहुल गांधी को यह बताना चाहिए कि उन्हें एयरबस का यह आंतरिक मेल कैसे मिला। उन्हें कौन यह भेज रहा है। वह विदेशी कंपनी के लाबीस्ट के तौर पर काम कर रहे हैं। प्रसाद ने कहा कि गांधी परिवार से आने वाले पूर्व प्रधानमंत्रियों के कार्यकाल के दौरान हुए कई संदेहास्पद रक्षा सौदों को लेकर भाजपा के उनके साथ गंभीर मतभेद हैं, लेकिन उन पर कभी देशद्रोह का आरोप नहीं लगाया गया।  

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