नई दिल्ली । कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के एक क्लर्क ने धोखाधड़ी को अंजाम देते हुए 21 करोड़ रुपए का गबन कर लिया है। इस फ्रॉड से ईपीएफओ कार्यलय में हड़कंप मचा हुआ है। इस धोखाधड़ी के सामने आने के बाद ईपीएफओ ने देशभर में अपने सभी फील्ड ऑफिसेज में हाल में हुए सभी तरह के ट्रांजैक्शन की जांच कराने का फैसला किया है। इसमें पिछले साल हुए ट्रांजैक्शन भी शामिल है। एक अखबार के मुताबिक अगस्त में मुंबई के ईपीएफओ ऑफिस के इंटरनल ऑडिट में इस गबन का पता चला था। इसके बाद ईपीएफओ ने यह फैसला किया है। ईपीएफओ की आंतरिक जांच के मुताबिक उसके कांदीवली ऑफिस के 37 साल के एक क्लर्क ने 817 बैंक अकाउंट्स का इस्तेमाल करके 21.5 करोड़ रुपये का गबन किया। इनमें से अधिकांश अकाउंट प्रवासी मजदूरों के थे। क्लर्क ने उनकी तरफ से पीएफ राशि का दावा किया। ईपीएफओ ने इस मामले में मुंबई के कांदीवली ऑफिस के 6 कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है।
मिंट की रिपोर्ट के मुताबिक ईपीएफओ ने देशभर में अपने सभी फील्ड ऑफिसेज में हाल में हुए सभी तरह के ट्रांजैक्शन की जांच कराने का फैसला किया है। इसमें खासकर कोविड-19 विदड्रॉल की जांच होगी। महामारी के कारण बड़ी संख्या में लोग बेरोजगार हो गए थे और उनकी इनकम प्रभावित हुई थी। इससे राहत देने के लिए कर्मचारियों को अपनी जमा राशि निकालने की अनुमति दी गई थी। रिपोर्ट में एक सरकारी अधिकारी के हवाले से कहा गया है कि निलंबित किए गए कर्मचारियों के रेकॉर्ड की जांच की जा रही है। साथ ही दूसरे ऑफिसेज में उनकी नौकरी के रेकॉर्ड को भी खंगाला जा रहा है। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2021 के दौरान 76.3 लाख वेतनभोगी कामगारों ने कोविड-19 के कारण पैदा हुए हालात से निपटने के लिए पीएफ में जमा राशि का सहारा लिया था। 31 मई तक ईपीएफ सब्सक्राइबर्स ने करीब 18,700 करोड़ रुपए निकाले थे।
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ईपीएफओ कर्मचारी ने ही धोखाधड़ी कर निकाल ली 21 करोड़ की राशि -भविष्य निधि कार्यालय में मचा हड़कंप