काबुल । विद्रोहियों के दक्षिण एशियाई राष्ट्र के तेजी से अधिग्रहण के बाद इस्लामी आंदोलन के एक प्रवक्ता ने शनिवार को बताया तालिबान का लक्ष्य अगले कुछ हफ्तों में अफगानिस्तान के लिए एक नई शासन व्यवस्था को आकार देना है। एक अधिकारी ने बताया कि तालिबान के कानूनी, धार्मिक और विदेश नीति के विशेषज्ञों का लक्ष्य अगले कुछ हफ्तों में नए ढांचे को पेश करना है।
उल्लेखनीय है कि तालिबान ने पिछले हफ्ते अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद से अपनी ओर से एक उदार छवि पेश करने की कोशिश की है, लेकिन वहां से सामने आ रही तस्वीरें व वीडियो में देखा जा सकता है कि लोग किस कदर घबराए हुए हैं और बल उन पर जबरदस्ती कर रहे हैं।
अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद अपनी नई सरकार की रणनीति को दिशा देने के लिए तालिबान के सह-संस्थापक तालिबान में मौजूद है। एक अधिकारी के मुताबिक, 'तालिबान के सह-संस्थापक बरादर काबुल में सरकार बनाने पर बातचीत के लिए पहुंचे हैं।
अप्रैल से अगस्त के बीच तालिबान ने जिस तेजी के साथ अफगानिस्तान के इलाकों को एक के बाद एक कर अपने कब्जे में लिया वह वास्तव में हैरान करने वाला है। तालिबान के कब्जे के बाद काबुल में अफरातफरी का माहौल है। काबुल एयरपोर्ट पर देश छोड़कर जाने वालों की जबरदस्त भीड़ है। यहां के बिगड़ते हालात का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वहां की बेकाबू भीड़ पर काबू पाने के लिए गोलियां चलानी पड़ी हैं।
यह सब कुछ अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के द्वारा किए 11 सितंबर से पहले अपनी सेना की वापसी का ऐलान के बाद हुआ है। अमेरिकी सैनिकों की 1 मई से वापसी शुरू हो गई थी। इसके साथ ही अमेरिका ने अपने सबसे लंबे चले युद्ध को खत्म करने का एलान भी कर दिया था।
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तालिबान के सह-संस्थापक बरादर काबुल पहुंचे, नई सरकार बनाने पर मंथन तेज