मैड्रिड । यूरोपीय संघ (ईयू) के वरिष्ठ अधिकारियों ने तालिबान को आगाह करते हुए चेताया है कि फिलहाल हो रही बातचीत ज्यादा से ज्यादा संख्या में अफगान लोगों को वहां से सुरक्षित निकालने से जुड़ा हुआ है। ईयू ने स्पष्टतौर पर कहा कि इसका मतलब यह नहीं है कि संघ तालिबान के नए शासन को मान्यता देने के लिए तैयार है। स्पेन द्वारा मैड्रिड के पास शरणार्थियों के लिए स्थापित केन्द्र पर ईयू परिषद प्रमुख चार्ल्स मिशेल के साथ पहुंचीं यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वान दे लेयेन ने तालिबान के साथ बातचीत जारी रखने की जरुरत पर बल दिया। ईयू नेता ने कहा कि संकट की इस घड़ी में हम तालिबान के साथ संपर्क बनाए हुए हैं क्योंकि हमें इस पर चर्चा करनी है कि इस मुश्किल घड़ी में काबुल में लोगों को हवाई अड्डे तक पहुंचने में कैसे मदद की जाए। लेकिन यह पूरी तरह अलग है और राजनीतिक बातचीत से बिलकुल अलग है। तालिबान के साथ कोई राजनीतिक बातचीत नहीं हो रही है और तालिबान को कोई मान्यता नहीं दी गई है।
उर्सुला ने कहा कि अफगानिस्तान को यूरोप से मिलने वाली मानवीय सहायता तालिबान द्वारा मानवाधिकारों, विशेष रूप से महिलाओं और बच्चों के अधिकारों की रक्षा किए जाने पर निर्भर है। उन्होंने कहा कि हम तालिबान का बयान सुन रहे हैं, जिसमें जोर दिया जा रहा है कि महिलाओं को समाज में उनका स्थान मिलेगा और इस्लाम के दायरे में रहते हुए उन्हें शिक्षा प्राप्त करने और नौकरी करने का अधिकार होगा। लेकिन ऐसी खबरें भी मिल रही हैं कि पुराने काम या विचारों को लेकर लोगों को परेशान किया जा रहा है और सामान्य रूप से दफ्तर पहुंचने वाली महिलाओं को वहां से लौटाया जा रहा है। उर्सुला ने कहा कि अफगानिस्तान के काबुल हवाई अड्डे पर हालात बहुत ही खराब हैं। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अनुरोध किया है कि वे अफगान शरणार्थियों के लिए अपने यहां जगह बनाएं। तकलीफें झेल रहे लोगों का पुनर्वास सबसे महत्वपूर्ण है। यह हमारी नैतिक जिम्मेदारी है। ईयू के शीर्ष अधिकारियों ने स्पेन के प्रधान मंत्री पेड्रो सांचेज़ के साथ मैड्रिड के पास टोरेज़ोन सैन्य हवाई अड्डे पर स्थापित सुविधा का दौरा किया। सांचेज ने बताया कि इस सुविधा केंद्र में 800 लोगों को रखने की क्षमता है।
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आपसे बातचीत का मतलब मान्यता देना नहीं है, ईयू ने तालिबान को चेताया