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 पूर्व राष्‍ट्रपति अशरफ गनी और पूर्व उपराष्‍ट्रपति को आम माफी देने की घोषणा की, लौट सकते हैं अफगानिस्तान  तालिबानी नेता हक्‍कानी ने एक साक्षात्कार में कहा 

 पूर्व राष्‍ट्रपति अशरफ गनी और पूर्व उपराष्‍ट्रपति को आम माफी देने की घोषणा की, लौट सकते हैं अफगानिस्तान  तालिबानी नेता हक्‍कानी ने एक साक्षात्कार में कहा 

काबुल । अफगानिस्‍तान में जन विद्रोह का सामना कर रहे तालिबान आतंकियों ने पूर्व राष्‍ट्रपति अशरफ गनी और पूर्व उपराष्‍ट्रपति अमरुल्‍ला सालेह को आम माफी देने की घोषणा की है। साथ ही कहा है कि ये दोनों नेता वापस काबुल आ सकते हैं।गनी इनदिनों दुबई में निर्वासित जीवन जी रहे हैं, जबकि सालेह ने अफगानिस्‍तान के पंजशीर घाटी को अपना गढ़ बनाया है। पंजशीर घाटी से विद्रोही तालिबानियों को निशाना बना रहे हैं। साक्षात्‍कार में तालिबानी नेता खलिल उर रहमान हक्‍कानी ने कहा कि तालिबान की अशरफ गनी, सालेह और पूर्व राष्‍ट्रीय सुरक्षा सलाहकार हमदुल्‍लाह मोहिब से कोई दुश्‍मनी नहीं है। हक्‍कानी ने कहा,हमारे द्वारा अशरफ गनी, सालेह और मोहिब को माफ कर दिया है।' उन्‍होंने कहा कि इन तीनों लोगों से उनकी दुश्‍मनी केवल धार्मिक आधार पर थी। हक्‍कानी को अमेरिका ने एक वैश्विक आतंकी घोषित कर रखा है इसपर 50 लाख डॉलर का इनाम है।
हक्‍कानी ने कहा, 'हमने अपनी तरफ से सभी को माफ कर दिया है। फिर चाहे वे लोग हो जिन्‍होंने हमारे खिलाफ जंग लड़ा था या फिर आम नागरिक हों। उन्‍होंने लोगों से अपील की कि वे देश छोड़कर न जाएं। हक्‍कानी ने कहा कि दुश्‍मन यह दुष्‍प्रचार कर रहे हैं कि तालिबान इनलोगों से बदला लेगा। उन्‍होंने कहा, ताजिक, बलोच, हजारा और पश्‍तून सभी हमारे भाई हैं।चूंकि सभी अफगान हमारे भाई हैं,इसकारण वे देश लौट सकते हैं।' तालिबानी नेता ने कहा क‍ि हमारी दुश्‍मनी की एकमात्र वजह सिस्‍टम को बदलने को लेकर थी। यह सिस्‍टम अब बदल चुका है। उन्‍होंने कहा क‍ि तालिबान ने अमेरिका के खिलाफ नहीं लड़ाई लड़ी है। अमेरिका ने हमारे ऊपर हमला किया और हमने अपनी संस्‍कृति, धर्म और देश की रक्षा के लिए यह लड़ाई लड़ी है। अमेरिकी हमारे और हमारे देश के खिलाफ हथियारों का इस्‍तेमाल कर रहे हैं। हक्‍कानी ने दावा किया कि तालिबान ने अपने दुश्‍मनों के खिलाफ बड़ी जीत हासिल की है।
हक्‍कानी ने कहा कि हमारे द्वारा अमेरिका समर्थित अफगान सेना को मात दी है जिसमें 3,50,000 सैनिक थे। तालिबान चाहता है कि सभी मुस्लिम देश एक-दूसरे से जुड़ें। उन्‍होंने दुनियाभर के देशों को सलाह दी कि वे अपने देश के नागरिकों को जरूरी अधिकार दें। हक्‍कानी ने कहा कि बेहद सक्षम और पढ़े-लिखे लोग अफगानिस्‍तान में सरकार बनाएंगे। इसमें सभी समूहों को शामिल किया जाएगा। माना जा रहा है कि देश में बढ़ रहे विरोध को थामने के लिए तालिबान का हृदय परिवर्तन हुआ है। पिछले दिनों झंडे और अब पंजशीर में तालिबान के खिलाफ विद्रोही आवाजें तेज हो गई हैं।
 

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