नई दिल्ली। क्रांतिकारी युवा संगठन ( केवाईएस) ने आज दिल्ली यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन (डूटा) द्वारा आगामी अकादमिक सत्र में नई शिक्षा नीति 2020 को लागू करने के खिलाफ आयोजित विरोध प्रदर्शन में भाग लिया। यह ज्ञात हो कि आज अकादमिक फैसले लेने वाली डीयू की सर्वोच्च समिति, एकेडमिक काउंसिल, ने नई शिक्षा नीति 2020 लागू करने के संबंध में सभा का आयोजन किया था। इस फैसले को पहले ही अकादमिक मामलों हेतु स्थाई समिति ने मंजूरी दे दी थी।
डीयू और देश के अन्य शिक्षण संस्थानों में एनईपी लागू करने का फैसला भाजपा सरकार की शिक्षा का व्यवसायीकरण और अनौपचारीकरण करने की मंशा जाहिर करता है। एनईपी 2020 ऐसे प्रावधान लायेगा जिससे वंचित समुदायों से आने वाले बहुसंख्यक छात्रों को औपचारिक शिक्षा से बाहर धकेला जाएगा। ध्यान देने की बात है कि एनईपी के प्रावधानों को राष्ट्रीय स्तर पर लागू करने की शुरुआत हो चुकी है। उच्च शिक्षण संस्थान, यूजीसी के नए दिशा निर्देशों के अनुसार, (SWAYAM कोर्स के अलावा) सभी कोर्स में 40% पाठ्यक्रम ऑनलाइन और 60% पाठ्यक्रम ऑफलाइन पढ़ा सकते हैं। ब्लेंडेड लर्निंग के नाम पर लाई जा रही यह शिक्षण प्रणाली मैसिव ओपन ऑनलाइन कोर्सेज (एमओओसी) को बढ़ावा देती है जिससे बहुसंख्यक छात्रों और अब तक उच्च शिक्षा से वंचित युवाओं के लिए औपचारिक और बेहतर शिक्षा के सभी रास्ते बंद कर दिए जाएंगे। सब को औपचारिक उच्च शिक्षा सुनिश्चित करने के बजाए, पिछड़ी और वंचित पृष्ठभूमि से आने वाले छात्रों को बेहतर शिक्षा की हर संभावना से वंचित किया जा रहा है। इस फैसले से दिल्ली विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग (एसओएल) के लाखों छात्रों पर दुष्प्रभाव पड़ेगा, जो पिछले कई सालों से औपचारिक शिक्षा की मांग को लेकर संघर्षरत हैं। साथ ही, देश-भर में विभिन्न मुक्त और दूरस्थ शिक्षण संस्थानों में पढ़ने को मजबूर छात्रों के साथ भेदभाव और भी गहराएगा, और उनके लिए औपचारिक शिक्षा के सभी रास्ते बंद हो जायेंगे।
मल्टीपल एग्जिट पॉइंट्स के प्रावधान के कारण हाशियाई समुदायों के छात्रों को बीच में पढ़ाई छोड़ने पर मजबूर होना पड़ेगा। इन छात्रों की मदद करने के बजाय बीच में पढ़ाई छोड़ने का औपचारीकरण किया जा रहा है। एनईपी 2020 द्वारा शिक्षकों के लिए नौकरियों में भारी गिरावट आएगी क्योंकि उनका कार्यभार कम कर दिया जाएगा। ऐसे समय में जब बड़ी संख्या में शिक्षकों को बढ़ाने और औपचारिक शिक्षा की सीटें बढ़ाने की आवश्यकता है, ऐसे प्रावधानों से बहुसंख्यक हिस्से को शिक्षा की परिधि से बाहर धकेला जाएगा और शिक्षण क्षेत्र में नौकरियां घटाई जाएंगी।
केवाईएस डीयू द्वारा एनईपी 2020 लागू करने के फैसले की कड़ी भर्त्सना करता है। एनईपी लागू कर के भाजपा सरकार की वंचित छात्रों को ऑनलाइन और औपचारिक शिक्षा में धकेलने की मंशा साफ है। इस फैसले से सरकार शिक्षा क्षेत्र में संसाधन बढ़ाने और हाशियाई समुदायों के छात्रों को औपचारिक शिक्षा में लाने हेतु आधारिक संरचना बनाने की जिम्मेदारी से हाथ धो रही है। साथ ही, लाखों छात्रों और शिक्षकों के भविष्य पर असर डालने वाला कोई भी फैसला उनसे गहन विचार विमर्श के बाद ही लिया जाना चाहिए। केवाईएस आने वाले समय में भाजपा सरकार द्वारा ऐसी भेदभावपूर्ण और भ्रमित करने वाली नीतियों के खिलाफ आंदोलन तेज करने का प्रण लेता है, जिनसे वंचित छात्रों को औपचारिक शिक्षा से बाहर कर दिया जाएगा।
रीजनल नार्थ
केवाईएस ने डूटा के आह्वान पर डीयू कुलपति के ऑफिस पर विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया!