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 हरियाणा विधानसभा के मानसून सत्र में 5 विधेयक पारित -कांग्रेस का किसान आंदोलन और तीन कृषि बिलों को लेकर हंगामा

 हरियाणा विधानसभा के मानसून सत्र में 5 विधेयक पारित -कांग्रेस का किसान आंदोलन और तीन कृषि बिलों को लेकर हंगामा

चंडीगढ़। हरियाणा विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान 5 विधेयक  पारित किए गए। इनमें हरियाणा नगर पालिका क्षेत्रों में अपूर्ण नागरिक सुख सुविधाओं और अवसंरचना का प्रबंधन विशेष उपबंध संशोधन विधेयक, महर्षि बाल्मीकि संस्कृत विश्वविद्यालय कैथल संशोधन विधेयक, हरियाणा लोकायुक्त संशोधन विधेयक, हरियाणा उद्यम प्रोन्नति द्वितीय संशोधन विधेयक और पंडित लख्मीचंद राज्य प्रदर्शन और दृश्य कला विश्वविद्यालय रोहतक संशोधन विधेयक शामिल हैं।  इसके अलावा 4 विधेयक फिलहाल सदन पटल पर रखे गए हैं, जिन्हें चर्चा के बाद में पारित कराया जाएगा। इस बीच एक बार फिर से विपक्ष कांग्रेस की ओर से ऑक्सीजन की कमी, किसान आंदोलन और तीन कृषि बिलों को लेकर शोरगुल किया गया। किसानों के मुद्दे पर चर्चा कराने की मांग करते हुए कांग्रेसी विधायक वेल में पहुंचे और स्पीकर द्वारा इनकार किए जाने पर वॉकआउट भी किया।
  सीएम ने बतौर वित्तमंत्री सप्लीमेंटरी एस्टीमेट (अनुपूरक अनुमान) पेश किए। हरियाणा विधानसभा मानसून सत्र की कार्यवाही दोपहर दो बजे से शुरु हुई। सबसे पहले सदन के नेता सीएम, विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुडडा व स्पीकर ने वरिष्ठ नेता और पूर्व सीएम कल्याण सिंह, शहीदों को श्रद्धा समुन अर्पित कर दो मिनट का मौन रखा। जिसके बाद में प्रश्नकाल, इसके तुरंत बाद में शून्यकाल चला। कांग्रेस की ओर से मुलाना विधायक वरुण मुलाना ने स्कूलों में छठी से लेकर आठवीं तक के सरकारी विद्यालयों में पुस्तकें नहीं दिए जाने पर सवाल खड़ा किया, तो शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुर्जर ने स्वीकार किया कि कोविड के कारण देरी हुई है। लेकिन सभी बच्चों के खातों में पैसा जल्द ही डीबीटी कर दिया जाएगा। नगर निगम फरीदाबाद में भ्रष्टाचार का मामला उठाया, जिस पर सत्तापक्ष की ओऱ से इसका जवाब दिया व पूरे मामले में गंभीरता के साथ कार्रवाई का आश्वासन दिया। किरण चौधरी ने जलघरों में पानी नहीं होने और संकट का ध्यान दिलाया, तो सीएम ने कहा कि सदन में ठीक तथ्य रखें गुमराह करना ठीक नहीं हैं। उन्होंने विभाग के एसीएएस देवेंद्र सिंह को इस मामले में जांच कर रिपोर्ट सदन में रखने को कहा है। सदन इनसो को लेकर भी कांग्रेस की ओर से सवाल खड़ा किया, तो सीएम ने खड़े होकर जवाब दिया कि यह यूनिवर्सिटी की अपनी व्यवस्था है, जहां पर अनुमति और शुल्क लेकर कार्यक्रम करने की अनुमति है। विपक्ष का आरोप था कि विश्वविद्यालय को सियासी अखाड़ा बनाया जा रहा है। विपक्ष की ओऱ से बीबी बतरा, जगबीर मलिक, डा। रघुबीर सिंह कादियान, गीता भुक्कल, आफताब अहमद ने आवाज उठाई। जिस पर सत्तापक्ष की ओऱ से एनएसयूआई और इंटक आदि संगठनों का उदाहरण दिया, तो विपक्ष शांत हो गया।
 

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