लंदन । ब्रिटेन में एक छोटी सी कलाकृति (पिरामिड) की खोज की है। अनुमान लगाया जा रहा है कि इसका इस्तेमाल किसी योद्धा द्वारा अपनी तलवार की म्यान के शीर्ष पर किया जाता होगा। यह खोज की है एक मेटल डिटेक्टरिस्ट ने। 1400 साल पुराना तलवार पिरामिड लगभग 0.24 इंच (6 मिलीमीटर) ऊंचा और 0.47 इंच (12 मिमी) लंबा है। यह एक ऐसे स्थान पर पाया गया था जहां किसी भी पुरातात्विक स्थल के मौजूद होने की जानकारी नहीं है। इस खोज के बारे में हेलन गिक ने कहा कि इस खोज का संबंध किसी भी पुरातात्विक स्थल से नहीं है।
हेलेन राष्ट्रीय पोर्टेबल एंटिक्विटीज स्कीम (पीएएस) की सलाहकार हैं, जिसका संचालन ब्रिटिश म्यूजियम और नेशनल म्यूजियम करता है। मेटल डिटेक्टरिस्ट ने बताया कि ऐसा लगता है कि यह लापरवाही के चलते कहीं खो गया था, इसे दफन नहीं किया गया था। तलवार पिरामिड सोने और गार्नेट पत्थरों से बना है जो संभवतः भारत और श्रीलंका से लाए गए होंगे। इन पत्थरों के लंबी दूरी के व्यापारिक मार्गों से लाए जाने की आशंका है। यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के इंस्टीट्यूट ऑफ आर्कियोलॉजी के एक शोधकर्ता एलेनोर ब्लेकलॉक ऐतिहासिक धातु विज्ञान के विशेषज्ञ हैं। उन्होंने कहा कि 'स्वॉर्ड पिरामिड' दुर्लभ है और ऐसा लगता है कि इसे काफी अच्छी तरह से बनाया गया है। इस तरह के तलवार पिरामिड सुटोन हो में भी दफन पाए गए थे, जिसकी अवधि भी लगभग इतनी ही पुरानी थी। शोधकर्ताओं ने इसके कई संभव इस्तेमाल के तरीके बताए हैं। हेलेन ने कहा कि पिरामिड का इस्तेमाल हमेशा म्यान के शीर्ष पर किया जाता था।
विशेषज्ञों का कहना है कि 'तलवार पिरामिड' समाज में अमीरों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली अहम चीजों में से एक था। इसके इस्तेमाल का तरीका बताता है कि इसे रखने वाला कितना प्रतिष्ठित व्यक्ति होता था। वेल्स में कार्डिफ यूनिवर्सिटी में पुरातत्व के प्रोफेसर जॉन हाइन्स ने बताया कि सातवीं सदी के मध्य में जब यह पिरामिड बनाया गया था, तब तलवार अपने आप में एक 'प्रतिष्ठा' का हथियार था। तलवार का इस्तेमाल सिर्फ प्रतिष्ठित योद्धा ही करते थे, जिनके पास इसे रखने के लिए राजा की अनुमति होती थी।
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मेटल डिटेक्टरिस्ट ने खोजा छोटा 'पिरामिड' -सैकडों साल पहले तलवार की म्यान के शीर्ष पर करते थे इस्तेमाल