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हिमाचल सरकार ने सतलुज वॉटर प्रोजेक्ट के समझौते के प्रारूप को दी मंजूरी  -परियोजना में विश्व बैंक 1160.32 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करेगा 

हिमाचल सरकार ने सतलुज वॉटर प्रोजेक्ट के समझौते के प्रारूप को दी मंजूरी  -परियोजना में विश्व बैंक 1160.32 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करेगा 


शिमला। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में सरकार ने 24 घंटे पेयजल सुविधा देने के लिए तैयार किए सतलुज वॉटर प्रोजेक्ट के समझौते के प्रारूप को मंजूरी दे दी है। शहरी विकास विभाग, विश्व बैंक और केंद्र सरकार के वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के साथ समझौता प्रक्रिया चल रही थी, जिसके प्रारूप को मंजूरी दी है। ताकि ग्रेटर शिमला क्षेत्र में जल आपूर्ति योजना सेवाओं में सुधार के लिए शिमला जलापूर्ति एवं सीवरेज सेवा वितरण कार्यक्रम के वित्तपोषण के लिए विश्व बैंक के माध्यम से 250 मिलियन डॉलर (1813 करोड़ रुपये) का वित्त पोषण किया जा सके। कुल 250 मिलियन डॉलर में से विश्व बैंक 160 मिलियन डॉलर (1160.32 करोड़ रुपये) की वित्तीय सहायता प्रदान करेगा और शेष राशि 90 मिलियन डालर (652.68 करोड़ रुपये) का वहन हिमाचल सरकार द्वारा किया जाएगा।
  बैठक में प्रधान सचिव, शहरी विकास विभाग को विश्व बैंक के साथ समझौता पैकेज को अंतिम रूप प्रदान करने और हस्ताक्षर करने के लिए अधिकृत किया गया। शिमला जल आपूर्ति और मल निकासी परियोजना के मुख्य उद्देश्य वर्ष 2050 तक पानी की मांग को पूरा करने के लिए सतलुज नदी से अतिरिक्त 67 एमएलडी के साथ शिमला जल आपूर्ति में संवर्द्धन, विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण कुफरी, शोघी, घणाहट्टी और अतिरिक्त योजना क्षेत्र के लिए 2050 तक शिमला नगर निगम क्षेत्र में सभी घरेलू और व्यवसायी उपभोक्ताओं के लिए सप्ताह भर 24 घंटे जलापूर्ति और शिमला नगर निगम क्षेत्र में बेहतर मलनिकासी सेवाएं प्रदान करना है। इस परियोजना में शिमला जिले की सुन्नी तहसील के शकरोड़ी गांव के पास सतलुज नदी से पानी उठाने की योजना बनाई गई है, जिसमें संजौली में 1.6 किलोमीटर की ऊंचाई तक उठाने और 22 किमी की पाइप बिछाने से 67 एमएलडी पानी की वृद्धि शामिल है। इस परियोजना के अन्तर्गत नगर निगम शिमला में वितरण पाइप नेटवर्क को सप्ताह भर 24 घंटे जलापूर्ति प्रणाली में स्तरोनन्त करने का भी प्रावधान है। यह राज्य के लिए एक प्रमुख परियोजना होगी जो शिमला में बेहतर जलापूर्ति और मलनिकासी प्रणाली प्रदान करने का प्रयास करेगी और वर्ष 2050 तक शहर की आवश्यकताओं को पूरा करेगी। हिमाचल प्रदेश सरकार का शहरी विकास विभाग विश्व बैंक और वित्त मंत्रालय से इस निधि को प्राप्त करेगा। शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने बताया कि शुरुआत में इस योजना के तहत 42 एमएलडी पानी शिमला को मिलेगा। उसके बाद सतलुज से शिमला तक कुल 22 किलोमीटर लंबी पेयजल लाईन बिछाई जाएगी, जिसके तहत शहर को 67 एमएलडी पानी मिलेगा।

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