दिवाला शोधन अदालत में समाधान प्रक्रिया में लगातार होती देरी के कारण सरकारी क्षेत्र के बैंक ऑफ बड़ौदा ने 9,060 करोड़ रुपए के वसूली में फंसे कर्जों (एनपीए) को बेचने की तैयारी की है। इनमें भूषण पावर एंड स्टील और आलोक इंडस्ट्रीज का ऋण खाता भी शामिल है। बैंक के मुताबिक भूषण पावर एंड स्टील के ऊपर 2,099 करोड़ रुपए और आलोक इंडस्ट्रीज पर 903 करोड़ रुपए बकाया है। दोनों कंपनियां आरबीआई द्वारा जारी 12 सबसे बड़े लोन खातों की सूची में शामिल हैं। बैंक ऑफ बड़ौदा ने दिसंबर 2018 में भी भूषण पावर एंड स्टील को बेचने की तैयारी की थी लेकिन तब कोई खरीदार नहीं मिल सका था। इन दो कंपनियों के अलावा बैंक 6,057 करोड़ रुपए के 65 अन्य मध्यम एवं छोटे ऋण खातों को भी बिक्री के लिए रखा है। इन कंपनियों में लैंको विदर्भ थर्मल पावर पर बकाया 628 करोड़ रुपए, जिंदल इंडिया थर्मल पावर 417 करोड़ रुपए, आईएमएसटी 373 करोड़ रुपए, एनरक एल्यूमिनीयम 306 करोड़ रुपए, जीवीके पावर गोविंदवाल साहिब 266 करोड़ रुपए, ईसीआई इंजीनियरिंग कंस्ट्रक्शन कंपनी 207 करोड़ रुपए, लैंको सोलर 160 करोड़ रुपए, वीजा स्टील 150 करोड़ रुपए और आधुनिक पावर एंड नेचुरल रिसॉर्सेज 58 करोड़ रुपए शामिल है।