लखनऊ। उत्तरप्रदेश में अगले साल विधानसभा के चुनाव होना है।इसकारण योगी सरकार सभी जातियों को साधने के लिए नई योजना बना रही है।यूपी में मुख्यमंत्री योगी के नेतृत्व वाली सरकार फिलहाल कुछ जातियों को साधने की कोशिश में जुटी है, ताकि आगामी चुनाव में उसका समीकरण सही साबित हो सके। फिलहाल 8 जातियां ऐसी है, जिन्हें अन्य पिछड़ा वर्ग की सूची में शामिल करने को लेकर राज्य सरकार जल्द निर्णय ले सकती है। सरकार की ओर से पिछड़ा वर्ग आयोग को अगले महीने इन जातियों को शामिल करने के लिए विज्ञापन जारी कर आपत्तियां व सुझाव मांगे जा सकते है। 30 दिन के भीतर आयोग को अपने सुझाव देना है।
विधानसभा चुनाव के तहत इन जातियों की सियासत तेज हो सकती है। वर्तमान में यूपी में अन्य पिछड़ा वर्ग की सूची में 79 जातियां शामिल है। भाजपा चुनावी नफा नुकसान का आकलन करने के लिए सूची में कुछ और जातियों को शामिल करने की कोशिश में जुटी है। राज्य सरकार की नौकरियों में अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 फ़ीसदी आरक्षण के लिए जातियों की सूची में नाम शामिल करने व हटाने का फैसला राज्य का पिछड़ा वर्ग आयोग करता है। फिलहाल आयोग के पास है ऐसी 8 जातियां हैं जिनकी अब अंतिम चरण में सुनवाई हो सकते है।
हालांकि यह बात भी सच है कि इन 8 जातियों को अन्य पिछड़ा वर्ग में शामिल करने को लेकर मामले करीब 3-4 साल से चल रहे हैं। इन जातियों का सामाजिक व शैक्षिक स्थिति का भी आकलन किया जा रहा है। इसके साथ ही आर्थिक स्थिति भी देखी जा रही है। जिन 8 जातियों का मामला है,उसमें से 4 मुस्लिम समुदाय से ताल्लुक रखते हैं।इसमें मुस्लिमों की जाति में आने वाले बागबान हैं। जिस तरह हिंदुओं में माली होते हैं उसी तरह मुस्लिमों में बागबान होते हैं। दूसरी जाति है गोरिया। यह भी मुस्लिम समाज से ही ताल्लुक रखते हैं।
तीसरी जाति महापात्र या महा ब्राह्मण हैं। यह वह जाति होते हैं जो अंतिम संस्कार में शामिल होते हैं। चौथी जाति रुहेला है। इस जाति के लोगों के पास छोटी-छोटी जमीने होती हैं और वह खेती करते हैं। इसके बाद बारी मुस्लिम भांट की आती है। यह सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़े होते हैं। मुस्लिम समुदाय के पवरिया या पमरिया जाति इसके बाद आती है। अगली जाति सिक्ख लवाणा है जो सिख समुदाय से आते हैं। आठवीं जाति ऊनाई साहू है जो बनिया समाज की आते हैं और छोटा-मोटा व्यवसाय करते हैं।
रीजनल नार्थ
जातिगत गणित साधने में जुटी योगी सरकार, 8 जातियां को अन्य पिछड़ा वर्ग की सूची में शामिल करने की तैयारी