चंडीगढ़ । पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह की कांग्रेस सरकार ने ब़ड़ा फैसला करते हुए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन में मारे गए किसानों और खेत मजदूरों के 104 कानूनी वारिसों को नौकरी देने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में मृतक प्रदर्शनकारियों के परिजनों को नौकरी दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया है कि वह चाहते हैं कि आंदोलन के दौरान अपने प्राणों की आहुति देने वाले पंजाब के सभी किसान परिवारों के सदस्यों को सरकारी नौकरियों में समायोजित किया जाए।
पंजाब अनुसूचित जाति भूमि विकास और वित्त निगम (पीएससीएफसी) और पंजाब पिछड़ा वर्ग भूमि विकास और वित्त निगम (बैकफिनको) के कर्जदारों को 50,000 रुपये तक के कर्ज की माफी को कैबिनेट में मंजूरी दी गई है। इस फैसले से 14,853 अनुसूचित जाति, विकलांग बीसी, ईडब्ल्यूएस और अल्पसंख्यक श्रेणी के कर्जदारों को राहत मिलेगी। ‘मेरा काम, मेरा मान’ योजना को भी कैबिनेट में मंजूरी दी गई है। यह बेरोजगार युवाओं को उनके कौशल का सम्मान करने और उनके चुने हुए क्षेत्र में मुफ्त अल्पकालिक कौशल प्रशिक्षण के माध्यम से उनकी रोजगार क्षमता को बढ़ाने में सुविधा प्रदान करेगा। ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग की दक्षता बढ़ाने के लिए मंत्रि-परिषद ने ग्राम सेवकों की न्यूनतम योग्यता मैट्रिक से बढ़ाकर स्नातक करने का निर्णय लिया है।
कैबिनेट ने टोक्यो ओलंपिक में ख्याति दिलाने वाले राज्य के खिलाड़ियों को नौकरी प्रदान करने के लिए नियमों में संशोधन को मंजूरी दी है। ओलंपिक, एशियाई खेलों और राष्ट्रमंडल खेलों के साथ-साथ विश्व कप टूर्नामेंट में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को खेल कोटा के तहत विभिन्न विभागों में भर्ती किया जाएगा। वित्त मंत्री मनप्रीत बादल ने कहा कि उन्हें 800 करोड़ रुपये के कृषि ऋण के हिस्से के रूप में उपकरण खरीदने के लिए सब्सिडी के वितरण में घोटाले का संदेह है। मंत्री ब्रह्म मोहिंद्रा ने इसका समर्थन किया। बताया जा रहा है कि सीएम ने इस मामले में रिपोर्ट मांगी है।
रीजनल नार्थ
104 मृतक आंदोलनकारियों के परिवार वालों को नौकरी देगी पंजाब सरकार