। शहर के मजदूर चौराहों पर प्रतिदिन हजारों की तादाद में मजदूर सुबह से ही काम की तलाश में खड़े होते है। दो वक्त की रोटी के लिए भटक रहे मजदूरों के साथ ठेकेदारों द्वारा न्यूनतम मजदूरी के नाम पर भारी शोषण हो रहा है। उन्हें न्यूनतम वेतन नहीं मिल रहा। १५० रू. से लेकर ३०० रू. में दिनभर काम कराया जा रहा है। इनकी जांच के लिए श्रम विभाग के पास पुâर्सत ही नहीं।
श्रम आयुक्त ने महंगाई भत्ते की सूची जारी करते हुए १५०० रू. प्रतिमाह या प्रतिदिन ५७.६९ पैसे की देर से देय तय किया है लेकिन कोई जांच-पड़ताल नहीं होने के कारण बड़े बड़े ठेकेदार भी मजदूरों को मनमानी दरों पर काम करने पर मजबूर कर रहे हैं। मजदूर चौराहा, खजराना चौराहा, आजाद नगर चौराहा, नौलखा चौराहा, पालदा चौराहा पर मजदूरों को मनमाने दाम पर प्रतिदिन के हिसाब से काम तो दिया जा रहा है लेकिन दाम नहीं दिया जा रहा।
नेशन
मजदूरों को न्यूनतम वेतन नहीं मिल रहा