टीम इंडिया के 2011 विश्व कप क्रिकेट के हीरो रहे ऑलराउंडर युवराज सिंह ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया है। अब युवराज पूरी तरह से कैंसर पीड़ितों की सहायता के लिए कार्य करेंगे। संन्यास की घोषणा करते हुए 37 साल के युवराज ने कहा कि मैंने जीवन में कभी भी हार नहीं मानी और अब मैं पूरी तरह से अपने एनजीओ के लिए काम करुंगा। इस एनजीओ का लक्ष्य उद्देश्य कैंसर रोगियों का उपचार करना और उन्हें ठीक बनाये रखना है। युवराज ने अपने कैरियर में 40 टेस्ट मैच और 304 एकदिवसीय मैच खेले हैं।
2011 विश्व कप को लेकर इस आक्रामक बल्लेबाज ने कहा कि यह मेरे लिए किसी सपने से कम नहीं था। साथ ही कहा कि यह क्रिकेट को अलविदा कहने का बिल्कुल सही समय है। युवराज ने साल 2000 में क्रिकेट में पदार्पण किया था। 2011 विश्व कप के बाद कैंसर के कारण वह एक साल से ज्यादा समय तक खेल से बाहर भी रहें हैं। इसके बाद भी इस जुझारु खिलाड़ी ने टीम इंडिया में वापसी की पर वह अपनी पहले जैसी जगह नहीं बना पाये। युवराज ने 2019 विश्व कप के लिए टीम में जगह बनाने के प्रयास किये पर जब उनके सभी प्रयास विफल हो गये तो उन्होंने संन्यास का निर्णय ले लिया।
युवराज ने 19 साल की उम्र में टीम इंडिया के लिए पहला एकदिवसीय मैच खेला था। भारत की अंडर-19 क्रिकेट विश्व कप की जीत में हीरो रहे युवराज ने क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में खासी धूम मचाई। खास तौर पर एकदिवसीय क्रिकेट में वह लंबे समय तक टीम इंडिया के स्थाई बल्लेबाज रहे।
एक ओवर में छह छक्के का रिकार्ड बनाया
साल 2007 में खेले गए टी20 विश्व कप में इंग्लैंड के गेंदबाज स्टुअर्ट ब्रॉड पर युवराज ने 6 गेंद में 6 छक्के लगाकर विश्व रिकार्ड अपने नाम किया था। युवराज ने अब तक के इतिहास में सबसे तेज अर्धशतक लगाने का रिकार्ड बनाया है। युवराज ने इंग्लैंड के खिलाफ मात्र 12 गेंदों का सामना करते हुए अपना अर्धशतक पूरा किया था। इस पारी के दौरान युवी ने 3 चौके और 7 छक्के लगाकर 58 रनों की यादगार पारी खेली। यह रिकार्ड आज तक बना हुआ है। वहीं इंग्लैंड में नेटवेस्ट सीरीज में युवराज सिंह ने मो कैफ के साथ मिलकर तूफानी परी खेलते हुए टीम इंडिया को जीत दिलाई थी।
विदेशी ट्वेंटी20 लीग में खेलेंगे
युवराज अब आईसीसी से मान्यता प्राप्त विदेशी ट्वेंटी20 लीग में फ्रीलांस क्रिकेटर के तौर पर जुड़ेंगे। उन्हें जीटी20 (कनाडा), आयरलैंड और हॉलैंड में यूरो टी20 स्लैम में खेलने के प्रस्ताव मिल रहे हैं। युवराज ने कहा कि काफी समय से लग रहा था कि अब आगे बढ़ने का वक्त आ गया है। युवराज ने साल आईपीएल में मुंबई इंडियंस की ओर से खेला था पर उन्हें अधिक अवसर नहीं मिले और यह भी उनके खेल का अलविदा कहने का एक कारण माना जा रहा है।
इस चैंपियन खिलाड़ी ने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर में 40 टेस्ट, 304 एकदिवसीय और 58 टी20 मैच खेले। 304 एकदिवसीय में से युवराज ने भारत के लिए 301, जबकि बाकी 3 एकदिवसीय एशिया एकादश के लिए खेले।
40 टेस्ट की 62 पारियों में युवी के नाम कुल 1900 रन हैं, जिसमें 3 शतक और 11 अर्धशतक हैं। वहीं एकदिवसीय करियर में युवराज ने 278 पारियों में कुल 8701 रन बनाये। इस दौरान उन्होंने 14 शतक और 52 अर्धशतक बनाये। 58 टी20 में 1177 रन बनाने वाले युवराज ने नाम यहां 8 अर्धशतक हैं। उन्होंने टेस्ट में कुल 9 विकेट, एकदिवसीय में 111 और टी20 में 28 विकेट लिए हैं।
पिता का सपना पूरा किया
बांए हाथ के इस बल्लेबाज ने अंतिम बार भारत के लिए फरवरी 2017 में इंग्लैंड के खिलाफ खेला । इससे पहले वह चैंपियंस ट्रॉफी 2017 और उसके बाद वेस्ट इंडीज दौरे पर गई भारतीय टीम का हिस्सा रहे थे। उन्होंने अपने करियर का आखिरी एकदिवसय मैच 30 जनवरी 2017 को वेस्ट इंडीज के खिलाफ एंटीगुआ में खेला था।
अपने संन्यास की घोषणा करते हुए युवराज ने कहा, 'बचपन से मैंने अपने पिता का देश के लिए खेलने का सपना पूरा करने की कोशिश की।' उन्होंने यहां अपने क्रिकेट कैरियर को याद करते हुए कहा, 'अपने 25 साल के कैरियर और खास तौर पर 17 साल के अंतरराष्ट्रीय करियर में कई उतार-चढ़ाव देखे। अब मैंने आगे बढ़ने का फैसला ले लिया है। इस खेल ने मुझे सिखाया कि कैसे लड़ना है, गिरना है, फिर उठना है और आगे बढ़ जाना है।'
युवी ने यहां एक क्रिकेटर के तौर पर कामयाब होने का श्रेय अपने पिता को दिया। उन्होंने कहा, 'मैंने जिंदगी में कभी हार नहीं मानी। मैंने अपने पिता का सपना पूरा किया।'
युवी ने कहा कि आईपीएल के दौरान वह सचिन से रिटायरमेंट पर बात कर रहे थे। युवी बोले, 'सचिन ने मुझसे कहा था कि तुम्हें तय करना है कि कब अपना करियर खत्म करना है, तुमसे बेहतर कोई भी यह फैसला नहीं ले सकता।'
युवराज से पूछा गया कि उन्हें किस बात का मलाल रहेगा। इसपर वह बोले कि उन्हें ज्यादा टेस्ट मैच न खेलने का मलाल रहेगा।
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युवराज ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लिया कैंसर पीड़ितों के लिए काम करेंगे