काबुल । काबुल हवाईअड्डे पर घातक आत्मघाती हमले के बाद तालिबान इस्लामिक स्टेट (खोरासान प्रांत) पर नकेल कस रहा है। आईएसआईएस-के के हमले में 13 अमेरिकी सैनिक और एक दर्जन से अधिक तालिबान सदस्य मारे गए थे। अफगानिस्तान में रूसी राजदूत दिमित्री जिरनोव ने बताया कि आईएसआईएस-के राजनीतिक स्थान पाने के लिए तालिबान के साथ प्रतिस्पर्धा कर रहा है और उनके बीच के अंतर्विरोधों को सुलझाया नहीं जा सकता है।
जिरनोव ने कहा जहां तक मैं जानता हूं कि तालिबान ने दो आईएसआईएस आतंकियों को पकड़ा है, जो कथित तौर पर मलेशिया के नागरिक हैं। इसलिए मैं जानता हूं कि वे आईएसआईएस-के के साथ सख्ती से निपटेंगे। रूसी राजदूत के अनुसार, आईएसआईएस-के ने कहा है कि समूह की विश्वसनीयता और वैधता को कम करने के इरादे से काबुल हवाई अड्डे पर हमले का असली लक्ष्य अमेरिका नहीं, बल्कि तालिबानी थे। जिरनोव ने एक साक्षात्कार में कहा युद्ध अपरिवर्तनीय है। अगर हवाई अड्डे पर वास्तव में आईएसआईएस-के मौजूद था, तो यह अमेरिका के लिए नहीं बल्कि तालिबान के लिए बड़ी चुनौती है। क्योंकि तालिबान ने इस समय अफगानिस्तान पर जिम्मेदारी ली है।
रूसी राजदूत के अनुसार, आतंकवादी हमला तालिबान के लिए एक झटका है। उन्होंने कहा स्वाभाविक रूप से, हवाईअड्डे के आसपास जो कुछ हो रहा है, उसके लिए उन्हें पूरी तरह से जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है। लेकिन इस हमले से उनकी छवि को नुकसान पहुंचा है। नाम न जाहिर करने की शर्त पर एक विश्लेषक ने कहा तालिबान इस बात से पूरी तरह वाकिफ है कि आईएसआईएस-के आतंकी हमलों से संतुष्ट नहीं होगा, बल्कि अपने बड़े सपनों को पूरा करने के लिए क्षेत्र पर कब्जा करने की कोशिश करेगा।
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सियासी अहमियत के लिए तालिबान के साथ प्रतिस्पर्धा कर रहा आईएसआईएस-के : जिरनोव