नंदीग्राम । पश्चिम बंगाल में बहुप्रतीक्षित उपचुनाव को लेकर सुगबुगाहट शुरू हो गई है। भारतीय निर्वाचन आयोग राज्य के मुख्य सचिव के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक करने जा रहा है। अधिकारियों ने बताया कि सात विधानसभा सीटों पर लंबित उपचुनाव को लेकर चर्चा होगी। उपचुनाव की यह सुगबुगाहट तृणमूल कांग्रेस के लिए काफी राहत भरी खबर है, क्योंकि जल्द उपचुनाव नहीं होने से ममता बनर्जी को मुख्यमंत्री का पद त्यागना होगा। जिन सात विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है वे हैं, मुर्शिदाबाद में जंगीपुर और समसेरगंज, 24 दक्षिण परगना में गोसाबा, दक्षिण मेदनीपुर में खरगपुर, नादिया में शांतिपुर, कूचबिहार में दिनहाटा और भवानीपुर। ममता बनर्जी के कुर्सी पर मंडराते खतरे की वजह से टीएमसी बार-बार चुनाव आयोग से जल्द उपचुनाव की मांग कर रही है। 15 जुलाई को भी टीएमसी ने चुनाव आयोग के पास अर्जी लगाई थी। टीएमसी के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्र से राष्ट्रीय राजधानी में मुलाकात के बाद इस संबंध में एक लेटर सौंपा था। इस प्रतिनिधिमंडल में टीएमसी नेता सुदीप बंदोपाध्याय, सौगत रॉय, डेरेक ओ'ब्रायन कल्याण बनर्जी, सुखेंदु शेखर राय भी शामिल थे। 2 मई को पश्चिम बंगाल जब विधानसभा चुनाव के परिणाम घोषित हुए तो टीएमसी प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में लौटी, लेकिन मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अपने पूर्व सहयोगी और बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी से नंदीग्राम में चुनाव हार गईं। उन्होंने नंदीग्राम के नतीजे को हाई कोर्ट में चुनौती दी है, जिस पर अगली सुनवाई 15 नवंबर को होगी। मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बने रहने के लिए ममता बनर्जी को 5 नवंबर तक विधानसभा की सदस्यता लेनी होगी।
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बची रहेगी ममता बनर्जी की कुर्सी उपचुनाव के लिए चुनाव आयोग करेगा मीटिंग