नई दिल्ली । आम्रपाली मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान फ्लैट खरीदने वालों से कहा कि उन्हें लस्सी भी चाहिए और मलाई भी चाहिए, फ्लैट भी चाहते हैं लेकिन पैसे भी नहीं देना चाहते हैं। बस चाहते हैं कि एनबीसीसी फ्लैट बनाए और उन्हें दे।
कोर्ट ने पूछा कि घर खरीदने वाले अभी तक पैसे क्यों नहीं दे रहे हैं? इस पर वकील एम एल लाहोटी ने कोर्ट को बताया कि इन लोगों ने ये फ्लैट कई साल पहले खरीदे थे, लेकिन इतने सालों में इन्हें कभी भी फ्लैट नहीं मिले, उनके पास अचानक इतनी बड़ी रकम कैसे आएगी। कोर्ट रिसीवर ने बताया कि 6 बैंकों का एक कंसोर्टियम बनाया गया है और यह अब से लगभग एक महीने में इन फ्लैट खरीदने वालों को लोन जारी करने की स्थिति में होगा। सुप्रीम कोर्ट ने रिसीवर को इन फ्लैट खरीदने वालों को नोटिस जारी करने का निर्देश दिया था कि अगर वे समय पर पैसा जमा नहीं करते हैं तो उनका आवंटन रद्द कर दिया जाएगा।
यह नोटिस इन लोगों के लिए ऋण के लिए अनुरोध करते समय दस्तावेजों के रूप में मदद करेंगे। इससे लोन जारी करने की प्रक्रिया में तेजी आएगी। सुप्रीम कोर्ट ने अपनी पिछली सुनवाई में 9,500 से अधिक खरीदारों को पंजीकरण करने और 15 दिनों में भुगतान करने या आवंटन रद्द करने का सामना करने के लिए कहा था।
ज्ञात रहे कि जुलाई 2019 में, अदालत ने आम्रपाली समूह का पंजीकरण रद्द कर दिया था और खरीदारों के विश्वास को तोड़ने के लिए या भूमि के पट्टे रद्द करके इसे एनसीआर में प्रमुख संपत्तियों से बाहर कर दिया था। कोर्ट ने तब सरकारी एनबीसीसी को 2023 तक तत्कालीन आम्रपाली समूह द्वारा 38,159 फ्लैटों को बनाने और वितरित करने के लिए कहा था।
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आम्रपाली मामले में फ्लैट खरीदने वालों से सुप्रीम कोर्ट ने पूछा अभी तक पैसे क्यों नहीं दे रहे हैं?