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उद्योग की सभी आवश्यकताओं पर विचार करने के लिए सरकार हमेशा तैयार है : मंत्री पीयूष गोयल

उद्योग की सभी आवश्यकताओं पर विचार करने के लिए सरकार हमेशा तैयार है : मंत्री पीयूष गोयल

नई दिल्ली। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग, वस्त्र, उपभोक्ता मामले व सार्वजनिक वितरण मंत्री पीयूष गोयल ने भारत में वस्त्र उद्योग के अग्रणी लोगों के साथ संवाद करते हुए कहा, “हमें जल्द से जल्द भारत के वस्त्र निर्यात को तीन गुना करते हुए वर्तमान 33 बिलियन डॉलर से बढ़ाकर 100 बिलियन डॉलर तक पहुंचाने के लक्ष्य पर काम करना चाहिए।” उन्होंने कहा कि हम सभी को मिलकर हस्तशिल्प सहित कपड़े और परिधान के लिए 2021-22 में 44 अरब डॉलर के निर्यात का लक्ष्य हासिल करने का संकल्प लेना चाहिए। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उनका वस्त्र मंत्रालय निर्यातकों के लिए प्रोत्साहनों के पुराने बकाये के मुद्दे के समाधान के लिए एमओएफ के साथ मिलकर काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार उद्योग की सभी आवश्यकताओं पर विचार करने के लिए हमेशा से तैयार है। उन्होंने कहा कि वे उद्योग ज्यादा फलते-फूलते हैं, जो उद्योग सब्सिडी पर निर्भर नहीं है।
गोयल ने कहा कि वस्त्रों के लिए पीएलआई योजना और मित्र पार्क्स योजना मंजूरी के अग्रिम चरण में है। उन्होंने कहा कि हमेशा अच्छे लगने वाले फैब्रिक्स बनाने के लिए भारतीय कपड़ा उद्योग और हमारे बुनकर सदियों पुराने ज्ञान, शिल्प और तकनीक का उपयोग करते रहे हैं। इनमें कलाकारी और जटिलता का स्तर बेजोड़ है। अगर ये हमारे ‘वस्त्र निर्यातक’ नहीं होते तो दुनिया इन उत्पादों का अनुभव कभी नहीं ले पाती। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि भारत ने दुनिया के भरोसेमंद भागीदारों के साथ की गईं अपनी सभी अंतर्राष्ट्रीय सेवा प्रतिबद्धताओं को पूरा किया है। उन्होंने कहा, देखने की बात है कि 2021-22 की पहली तिमाही में भारत के जीडीपी में आर्थिक सुधार से मजबूती के संकेत दिख रहे हैं। 2021-22 की पहली तिमाही में एक साल पहले की समान तिमाही की तुलना में भारत की जीडीपी 20.1 प्रतिशत बढ़ी है और एफडीआई प्रवाह में 90 प्रतिशत बढ़ोतरी देखने को मिली है। अगस्त, 2021 में वाणिज्यिक निर्यात 33 बिलियन डॉलर रहा, जो 2020-21 की तुलना में 45 प्रतिशत और 2019-20 की तुलना में 27.5 प्रतिशत ज्यादा रहा और अप्रैल-अगस्त, 2021 के दौरान वाणिज्यिक निर्यात 164 बिलियन डॉलर रहा, जो 2020-21 की तुलना में 67 प्रतिशत और 2019-20 की तुलना 23 प्रतिशत ज्यादा रहा।
 

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