नई दिल्ली । मुर्गी दाना उद्योग में कच्चे माल के रूप में इस्तेमाल किए जाने वाले सोयामील का भारत में श्रीलंका से आयात किया है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि पड़ोसी देश बांग्लादेश से 7,500 टन आनुवंशिक रूप से संवर्धित सोयामील (जीएम सोयामील) का आयात किया गया है। केंद्र सरकार ने घरेलू आपूर्ति बढ़ाने और आसमान छूती कीमतों को नियंत्रण में करने के लिए इससे पहले अगस्त में 12 लाख टन जीएम सोयामील के आयात की मंजूरी दी थी। यह अनुमति हालांकि पर्यावरण मंत्रालय और विदेश व्यापार महानिदेशक (डीजीएफटी) द्वारा जीएम के मुद्दे पर पर चीजों को स्पष्ट करने के बाद दी थी। बाद में डीजीएफटी ने 24 अगस्त को जीएम सोयामील के आयात के लिए आवश्यक अधिसूचना भी जारी की थी।
अधिकारी ने कहा, ‘कारोबारियों के मुताबिक अब तक करीब 7,500 टन जीएम सोयामील का आयात मुख्य रूप से बांग्लादेश से किया जा चुका है। व्यापारियों ने बांग्लादेश, ब्राजील और अमेरिका से अतिरिक्त 4.5 लाख टन जीएम सोयामील के लिए अनुबंध किया है।’ उन्होंने कहा कि कुल 4.5 लाख टन के ऑर्डर में से लगभग 1.25 लाख टन जीएम सोयामील के बांग्लादेश से आने की उम्मीद है। जबकि ब्राज़ील से 75 हजार टन और शेष 2.5 लाख टन अमेरिका से आयात किया जाएगा। अधिकारी के अनुसार, ‘आयात किया जा रहा है और इससे घरेलू बाजार में सोयामील की कीमतों को कम करने में मदद मिलेगी। घरेलू बाजार में सोयामील की कीमतें पिछले कुछ महीनों में 35 रुपये प्रति किलो से बढ़कर 100 रुपये हो गई हैं। हालांकि, आयात होने के साथ कीमतें थोड़ी नरम होकर अब 85 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई हैं।’ इससे पहले सरकार ने शुरुआत में केवल जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह (जेएनपीटी) से जीएम सोयामील के आयात की अनुमति दी थी, लेकिन बाद में मुंबई पोर्ट और तूतिकोरिन बंदरगाहों से इसे मंगाने की अनुमति दी। उद्योग के विशेषज्ञों का हालांकि मानना है कि 12 लाख टन जीएम सोयामील आयात करना बहुत मुश्किल होगा, क्योंकि आयात की अवधि केवल 31 अक्टूबर तक है।
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देश ने जीएम सोयामील का श्रीलंका से किया साढ़े सात सौ टन आयात -अतिरिक्त 4.5 लाख टन का ऑर्डर