विश्व कप में इस बार पांच मामले ऐसे हुए हैं जिनमें तेज गेंदबाजों की गेंदें भी विकेट पर लगीं पर बेल्स नहीं गिरीं इससे पांच बल्लेबाजों को आउट नहीं दिया गया। वहीं गेंदबाजों के लिए हाथ आये विकेट निकल गये। खिलाड़ियों के साथ ही प्रशंसक भी हैरान हैं क्योंकि आम तौर पर तेज गेंदबाजों की गेंद लगते ही विकेट बिखर जाते हैं पर ये 'जिद्दी बेल्स' गिरने का नाम नहीं ले रहीं। इसके लेकर भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली ओर ऑस्ट्रेलियाई टीम के कप्तान एरोन फिंच ने नाराजगी जतायी है पर आईसीसी इसे सामान्य घटना बताया है। आईसीसी ने यह भी कहा कि वह इसमें कोई बदलाव नहीं करेगी।
विश्व कप के अबतक हुए 14 मैचों में कुल 5 बार ऐसा हो चुका है, जब स्टंप्स पर गेंद लगी बावजूद इसकी बेल्स नहीं गिरीं। भारत और ऑस्ट्रेलिया के मैच में भी एक मौका ऐसा आया जब बेल्स नहीं गिरी। वह गेंद जसप्रीत बुमराह ने डेविड वॉर्नर को डाली थी। विराट ने मैच के बाद इसपर हैरानी जताई। वहीं फिंच ने भी इसे गलत कहा। वह बोले कि आईसीसी को इसके बारे में सेमीफाइनल मुकाबले शुरू होने से पहले सोचना चाहिए ताकि इससे परिणाम प्रभावित न हों। दक्षिण अफ्रीका इंग्लैंड मैच में भी आदिल रशीद की गेंद पर क्वींटन डीकोक आउट हुए पर बेल्स नहीं गिरीं और गेंद सीमा रेखा के पार चली गयी जिससे उन्हे रन मिल गये। श्रीलंका न्यूजीलैंड मैच में टेंट बोल्ड की गेंद करुणारत्ने की विकेट पर लगी पर बेल्स नहीं गिरी इस कारण उन्हें जीवनदान मिल गया। इसी प्रकार इंग्लैंड और बांग्लादेश मैच में बेनस्टोक की गेंद पर बांग्लादेश के मोहम्मद सैफदीन की बेल्स नहीं गिरी ओर उन्हें आउट नहीं दिया गया।
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विश्व कप में पांच बल्लेबाजों को बेल्स नहीं गिरने के कारण मिला जीवनदान खिलाड़ी नाराज पर आईसीसी नहीं करेगा बदलाव