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गर्दन व कमर के दर्द को नजरअंदाज करना पड सकता है भारी -रीढ़ में टीबी के संक्रमण से युवा अधिक हो रहे पीड़ित 

गर्दन व कमर के दर्द को नजरअंदाज करना पड सकता है भारी -रीढ़ में टीबी के संक्रमण से युवा अधिक हो रहे पीड़ित 

नई दिल्ली  । एक ताजा अध्ययन के मुताबिक गर्दन व कमर के दर्द को नजरअंदाज करना सेहत पर भारी पड़ सकता है। ये रीढ़ में टीबी के लक्षण भी हो सकते हैं। जानकारी के अनुसार, अखिल भारतीय आर्युर्विज्ञान संस्थान की स्टडी में सामने आया है कि रीढ़ में टीबी के संक्रमण से युवा अधिक पीड़ित हो रहे हैं। स्टडी के मुताबिक रीढ़ में टीबी के संक्रमण से पीड़ित हर दूसरा मरीज युवा वर्ग से है। 
खास तौर पर 21 से 30 साल की उम्र के युवा इस बीमारी की चपेट में अधिक आ रहे हैं। हालांकि, इस समस्या से पीड़ित 10 फीसदी मरीजों को ही सर्जरी की जरूरत पड़ती है और 90 फीसद दवाओं से ही ठीक हो जाते हैं। एक स्टडी के मुताबिक हड्डियों की टीबी से पीड़ित 50फीसदी मरीजों को रीढ़ में ही संक्रमण पाया जाता है। एम्स के ऑर्थोपेडिक विभाग ने यह स्टडी 1652 लोगों पर की, जिनमें 777 महिलाएं (47फीसदी) और 875 पुरुष (53फीसदी) शामिल थे। स्टडी में ये पाया गया कि सबसे ज्यादा मरीज जो रीढ़ की टीबी के पाए गए, उनकी उम्र 21 से 30 साल के बीच की थी। इन मरीजों की संख्या स्टडी के हिसाब से 33.3 फीसदी  थी। इसके बाद 17.1 फीसदी  मरीज 31 से 40 साल वाले थे। वहीं 15.2 फीसदी  मरीजों की उम्र 11 से 20 साल के बीच थी। स्टडी के मुताबिक काफी मरीज ऐसे थे, जिन्हें सिर्फ कमर या गर्दन में दर्द के अलावा कोई अन्य लक्षण नहीं था। स्टडी में पाया गया कि रीढ़ में टीबी का संक्रमण होने के बाद बीमारी की जांच करीब साढ़े चार महीने बाद हुई। इस वजह से बीमारी की पहचान देर से हुई।रीढ़ में टीबी के लक्षणों की बात करें तो सबसे ज्यादा इसमें ऐसे केस होते हैं जिनमें दर्द कमर पीठ व गर्दन में होता है। स्टडी के मुताबिक 98.1फीसदी  ऐसे मामले सामने आए हैं जिनमें कमर, पीठ व गर्दन में दर्द होता है। ऐसे मरीज भी मिले हैं जिनकी रीढ़ से शुरू होकर पैर या हाथ में दर्द होता है। 
इनकी संख्या 11.9फीसदी  हैं। स्टडी में 33फीसदी मरीजों में बुखार के लक्षण पाए गए। 22.2 फीसदी  मरीजों को भूख नहीं लगने की शिकायत थी। 19 फीसदी  ऐसे मरीज थे जिन्हें न्यूरो संबंधित परेशानी थी। मालूम हो ‎कि भागदौड़ भरी जिंदगी में हम कई बार अपनी बॉडी में होने वाले दर्द को नजरअंदाज कर देते हैं। बिजी लाइफस्टाइल की वजह से हमारी डाइट भी अनियमित हो जाती है। नतीजा ये होता है शरीर में बीमारियां का घर कर जाती हैं। हम में से बहुत से लोगों को पीठ और गर्दन में दर्द  की समस्या रहती है। कई बार हम इस दर्द को हल्के में ले लेते हैं और अपनी पूरी जांच नहीं कराते हैं।
 

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