नई दिल्ली । असम के ब्रह्मपुत्र नदी में हुई नौका दुर्घटना के बाद गुरुवार को लोगों ने यहां प्रदर्शन किया। लोगों के प्रदर्शन को खत्म करने के लिए पुलिस को हल्का बल प्रयोग भी करना पड़ा। मजूली में हुए हादसे के बाद मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने यहां दौरा किया था। इसके बाद मौके पर राज्य के बिजली मंत्री बिमल बोराह भी पहुंचे। लेकिन मंत्री के यहां पहुंचते ही नाराज लोगों ने उनका घेराव किया। मंत्री का घेराव करने में छात्र भी शामिल थे। प्रदर्शनकारियों ने राज्य के मंत्री को सड़क पर बैठने के लिए मजबूर किया। बताया जा रहा है कि मंत्री बिमल बोराह को प्रदर्शनकारियों ने करीब आधे घंटे तक सड़क पर बैठाए रखा। बिमल बोराह ने प्रदर्शनकारियों कहा कि मैं यहां आपकी शिकायतें सुनने के लिए आया हूं। आपका एक प्रतिनिधिमंडल अपनी मांगों को लेकर हमसे मिले। भीड़ से घिरे मंत्री को किसी तरह पुलिस ने वहां से निकाला। हालांकि, इस दौरान भी राज्य के मंत्री के खिलाफ लोग लगातार प्रदर्शन करते रहे। यहां प्रदर्शन कर रहे छात्रों का कहना है कि बोट पर कोई टिकट नहीं दिया गया था। कोई लाइफ जैकेट भी वहां नहीं था। हम अपने जन्म के बाद से ही पुल के बारे में सुन रहे है लेकिन आज तक यहां एक पिलर तक नहीं लगा है। एक अन्य छात्र ने कहा कि उन्होंने बोरा से कई सारे सवाल किये लेकिन किसी का भी जवाब राज्य के मंत्री के पास नहीं था। जब हालात खराब होने लगे और प्रदर्शनकारी बैरिकेड तोड़ने लगे तब पुलिस ने उन्हें तितर-बितर करने के लिए बल प्रयोग किया। हमें जानकारी मिली है कि कुछ प्रदर्शनकारी इस लाठी चार्ज में घायल भी हुए हैं। इधर ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन के सदस्यों ने इस हादसे को लेकर राज्य के मुख्यमंत्री से भी मुलाकात की है। यूनियन के सदस्यों ने इस मामले में दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने जोरहाट जिले में ब्रह्मपुत्र नदी में हुई नौका दुर्घटना मामले में पुलिस को आपराधिक मामला दर्ज करने के निर्देश बृहस्पतिवार को दिए। इस दुर्घटना में एक व्यक्ति की मौत हो गई और दो लोग लापता हैं। सरमा हालात का जायजा लेने के लिए घटनास्थल पहुंचे। उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि प्रारंभिक जांच से पता चला है कि कुप्रबंधन के कारण दुर्घटना हुई। यह दुर्घटना बुधवार को हुई। सरमा के साथ वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। उन्होंने कहा,'' मैंने जोरहाट पुलिस को दुर्घटना के संबंध में आपराधिक मामला दर्ज करने को कहा है। दुर्घटना के कारणों का पता लगाने के लिए हम शाम तक उच्च स्तरीय जांच की घोषणा करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि दस ऐसी निजी मशीनीकृत नौकाएं हैं, जो निमती घाट से माजुली के बीच चलती हैं। इनमें एक इंजन लगे हुए हैं और ये इंजन समुद्री इंजन नहीं हैं। अगर कोई नौका मालिक इन्हें समुद्री इंजन वाली नौका बनाना चाहता है तो हम उनकी सहायता करेंगे। उन्होंने कहा,'' आज से एकल इंजन वाली सभी नौकाओं के संचालन पर रोक लगाई जाती है। ये इंजन समुद्री इंजन नहीं हैं। अगर कोई नौका मालिक इसे समुद्री इंजन में रूपांतरित करना चाहता है तो हम उसकी सहायता करेंगे। उन्होंने बताया कि समुद्री इंजन की कीमत करीब दस लाख रुपये है, जो आवेदन मिलने पर निजी नौकाओं के मालिकों को सरकार तत्काल मुहैया कराएगी। सरमा ने कहा,'' कुल कीमत की 75 प्रतिशत सब्सिडी होगी और 25 प्रतिशत ऋण के तौर पर दिया जाएगा। वे माजुली के उपायुक्त कार्यालय में आज से ही आवेदन देना शुरु कर सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि नौका पर 90 लोग सवार थे,जिनमें से एक की मौत हो गई और दो अब भी लापता हैं।
रीजनल नार्थ ईस्ट
नाराज प्रदर्शनकारियों से मिलने गए मंत्री को जमीन पर बैठाया