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लव जिहाद से आतंकवाद में धकेली जा रहीं दूसरे धर्म की लड़कियां खत्म करना चाहते हैं गैर मुस्लिम: बिशप

लव जिहाद से आतंकवाद में धकेली जा रहीं दूसरे धर्म की लड़कियां खत्म करना चाहते हैं गैर मुस्लिम: बिशप

नई दिल्ली । केरल में एक कैथोलिक बिशप ने गुरुवार को कहा कि राज्य में ईसाई लड़कियां बड़ी संख्या में 'लव जिहाद और नार्कोटिक जिहाद के जाल में फंस रही हैं और जहां हथियारों का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता, वहां चरमपंथी अन्य धर्मों की युवतियों को बर्बाद करने के लिए ये हथकंडे अपना रहे हैं। बिशप ने कहा कि जिहादी प्यार और दूसरे तरीकों से दूसरे धर्म की महिलाओं का दुरुपयोग आतंकी गतिविधियों या आर्थिक लाभ के लिए करते हैं। उनका लक्ष्य अपने धर्म को बढ़ाना और गैर-मुस्लिमों को खत्म करना है। उन्होंने कहा कि चरमपंथियों के लिए यह युद्ध की रणनीति है। सायरो मालाबार चर्च से जुड़े पाला बिशप मार जोसेफ कल्लारनगट्ट ने आरोप लगाया कि 'लव जिहाद के तहत गैर मुस्लिम लड़कियों, विशेष रूप से ईसाई समुदाय की लड़कियों को प्रेम के जाल में फंसा कर उनका धर्मांतरण किया जा रहा है और शोषण किया जा रहा है। उनका आतंकवाद जैसी विध्वंसक गतिविधियों में उनका इस्तेमाल किया जा रहा है। वह कोट्टायम जिले में कुरूविलंगड में एक चर्च समारोह में श्रद्धालुओं को संबोधित कर रहे थे। बिशप ने दुनिया भर में और केरल में सांप्रदायिकता फैलाने, धार्मिक असौहार्द्र और असहिष्णुता बढ़ाने की कोशिश करने वाले जिहादियों की मौजूदगी के खिलाफ आगाह करते हुए कहा कि वे अन्य धर्मों को तहस-नहस करने के लिए अलग-अलग तरकीब अपना रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया, ''इस तरह की दो चीजें लव जिहाद और नार्कोटिक (मादक पदार्थ) जिहाद हैं। चूंकि जिहादी जानते हैं कि भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में हथियारों के जरिए अन्य धर्मों के लोगों को बबार्द करना आसान नहीं है, इसलिए वे अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए इस तरह के अन्य हथकंडे अपना रहे हैं।'' उन्होंने पूर्व पुलिस महानिदेशक लोकनाथ बेहरा के हालिया बयानों को जिक्र करते हुए कहा कि केरल आंतकवादियों का एक भर्ती केंद्र बन गया है और इस राज्य में चरमपंथी समूहों का एक भूमिगत प्रकोष्ठ मौजूद है। बिशप ने दावा किया कि राज्य की ईसाई और हिंदू लड़कियों का धर्मांतरण किया गया और उन्हें हाल ही में अफगानिस्तान में आतंकवादी शिविरों में भेजा गया। उन्होंने कहा कि इस विषय की गंभीरता से पड़ताल होनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि जो लोग यह कह रहे हैं कि राज्य में 'लव जिहाद और नार्कोटिक जिहाद' नहीं है वे सच्चाई से आंखें मूंद रहे हैं। उन्होंने कहा कि जो राजनेता, सामाजिक-सांस्कृतिक नेता व पत्रकार, इस से इनकार कर रहे हैं, ऐसा करने में उनके निहित स्वार्थ हो सकते हैं। 
 

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