काबुल । अफगानिस्तान में तालिबान राज के बाद पंजशीर घाटी में उन्हें विद्रोही अफगानी शेर नाको चने चबवा रहे है। एक बड़े हिस्से पर कब्जा करने वाले तालिबानी आतंकी अब वहां पर नरसंहार में जुट गए हैं। विद्रोहियों का समर्थन करने वाले लोगों को चुन-चुनकर निशाना बनाया जा रहा है। पिछले दिनों ही पूर्व उपराष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह के भाई की तालिबानियों ने बेहद क्रूर तरीके से हत्या कर दी। इस बीच ईरानी समाचार एजेंसी ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि नेशनल रेजिस्टेंस फ्रंट के नेता अहमद मसूद अभी भी पंजशीर घाटी में मौजूद हैं और तालिबानियों के खिलाफ मोर्चा संभाले हुए हैं। ईरानी एजेंसी ने कहा कि अहमद मसूद के अफगानिस्तान से भागकर तुर्की या किसी अन्य जगह जाने की खबर अफवाह है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि मसूद एक सुरक्षित स्थान पर हैं और पंजशीर घाटी के साथ संपर्क में हैं। इससे पहले तालिबान के प्रवक्ता ने दावा किया था कि अमरुल्ला सालेह और अहमद मसूद दोनों ही ताजिकिस्तान भाग गए हैं। पंजशीर की 70 फीसदी सड़कें और घाटी के रास्ते तालिबान के नियंत्रण में आ गई हैं लेकिन अभी भी घाटी का पूरा इलाका मसूद समर्थकों के नियंत्रण में है।
विद्रोही गुट ने भी अपने बयान में कहा है कि वे घाटी के सभी महत्वपूर्ण ठिकानों पर मौजूद हैं और अपनी लड़ाई जारी रखे हुए हैं। इससे पहले तालिबान ने दावा किया था कि उसने पंजशीर घाटी के ऊपर पूरा कब्जा कर लिया है। यही नहीं इसके कथित जीत के बाद तालिबान ने अपनी अंतरिम सरकार का भी ऐलान कर दिया था। विद्रोही गुट ने तालिबान के इस दावे को पूरी तरह से खारिज कर दिया था। तालिबान ने पिछले दिनों पंजशीर की लड़ाई में अमरुल्लाह सालेह के भाई रोहुल्लाह अजीजी को मार डाला था। इतना ही नहीं, तालिबान लड़ाके रोहुल्ला के शव को दफनाने तक नहीं दे रहे थे। रोहुल्ला पिछले कई दिनों से पंजशीर में तालिबान से मुकाबला कर रहे थे। वे नेशनल रेजिस्टेंस फोर्स के एक यूनिट के कमांडर भी थे। इबादुल्ला सालेह ने मीडिया से बात करते हुए पुष्टि की कि तालिबान ने मेरे चाचा को मार डाला है। वे हमें शव को दफनाने तक नहीं दे रहे। वे कह रहे हैं कि उसका शरीर सड़ जाना चाहिए। तालिबान की सूचना सेवा अलेमाराह के उर्दू भाषा वाले हैंडल ने कहा कि 'रिपोर्टों के अनुसार पंजशीर में लड़ाई के दौरान रोहुल्लाह सालेह मारे गए हैं।'
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अहमद मसूद अभी भी पंजशीर घाटी डटे हैं, तालिबानी क्रूरता से ले रहे मोर्चा