नारियल औषधि के साथ एक धार्मिक उपयोग में आने वाला फल हैं .प्रत्येक शुभ कार्यों में इसका उपयोग होता हैं .औषधि के रूप में बहुत उपयोगी हैं .
लैटिन में --कोकोस न्यूसीफेरा
संस्कृत में --नारिकेल ,नालिकेर ,दृढ फल ,लांगली ,कुर्च शीर्षक ,स्कंध फल ,तृणराज
हिंदी में --नारियल
अंग्रेजी में -- कोको नट पाम
नारियल एक ऐसा फल है जिसका हर हिस्सा बहुत उपयोगी होता है। सदियों पहले से समुद्री तटीय इलाकों में नारियल का उपयोग खानपान और सौंदर्य के लिए किया जाता रहा है। नारियल का पानी स्वादिष्ट और पौष्टिक होने के साथ यह कई तरह के खनिज और पोषक तत्वों से भरपूर होता है।
कच्चे या हरे नारियल के अंदर मौजूद पानी को पौष्टिक पेय माना गया है।
नारिकेलफलानि च ब्रंहणस्निग्धशीतानि बाल्याणि मधुराणि च (चरक सु .२७ )
नालिकेरमगुरुस्निग्ध पितघ्नं स्वादु शीतलम.बलमांस प्रदम हृद्यम बृहनम वस्तिशोधनं .(सु सूत्र ४६ )
गुण ---गुरु ,स्निग्ध . रस --मधुर विपाक ---मधुर वीर्य --शीत प्रभाव --केश्य
पोटेशियम (मिलीग्राम/१०० एमएल) २२० .९४ २७४ .३२
सोडियम (मिलीग्राम/१०० एमएल) ७ .६१ ५ .६०
मैग्नीशियम (मिलीग्राम/100 एमएल) २२ .०३ २० . ८७
कैल्शियम (मिलीग्राम/100 एमएल) ८ .७५ १५ .१९
पोषण का महत्व
नारियल पानी
पोषण मूल्य प्रति १०० ग्राम (३ .५ ऑउंस)
ऊर्जा ७९ kJ (१९ किलो कैलोरी) कार्बोहाइड्रेट ३ .७१ ग्राम शर्करा 2.61 ग्राम
आहार फाइबर 1.1 ग्राम मोटा 0.20 ग्राम
संतृप्त ०.१७६ ग मोनोअनसैचुरेटेड 0.008 ग्राम पॉलीअनसेचुरेटेड 0.002 ग्राम
प्रोटीन 0.72 ग्राम ट्रिप्टोफैन 0.008 ग्राम थ्रेओनीन 0.026 ग आइसोल्यूसीन ०.०२८ g
ल्यूसीन ०.०५३ ग लाइसिन ०.०३२ ग मेथियोनीन ०.०१३ ग सिस्टीन ०.०१४ g
फेनिलएलनिन 0.037 ग्राम टायरोसिन 0.022 ग्राम वेलिन ०.०४४ ग आर्जिनिन 0.118 ग्रा
हिस्टिडीन ०.०१७ ग ऐलेनिन ०.०३७ ग एसपारटिक एसिड 0.070 ग्राम
ग्लूटामिक एसिड 0.165 ग्राम ग्लाइसिन 0.034 ग्राम प्रोलाइन ०.०३० g
सेरीन ०.०३७ ग विटामिन मात्रा% डीवी† थायमिन (बी1) 3%0.030 मिलीग्राम
राइबोफ्लेविन (बी2) 5%0.057 मिलीग्राम नियासिन (बी3) 1%0.080 मिलीग्राम
पैंटोथेनिक एसिड (बी5) 1%0.043 मिलीग्राम विटामिन बी6 2% 0.032 मिलीग्राम
फोलेट (B9) 1%3 μग कोलाइन 0% 1.1 मिलीग्राम विटामिन सी 3%2.4 मिलीग्राम
खनिज मात्रा% डीवी† कैल्शियम 2%24 मिलीग्राम कॉपर 2%0.04 मिलीग्राम
आयरन 2%0.29 मिलीग्राम मैग्नीशियम 7%25 मिलीग्राम मैंगनीज 7%0.142 मिलीग्राम
फास्फोरस 3%20 मिलीग्राम पोटेशियम 5%250 मिलीग्राम सेलेनियम 1%1 μg
सोडियम 7%105 मिलीग्राम जिंक 1%0.10 मिलीग्राम
अन्य घटक मात्रा पानी 95 ग्राम
वयस्कों के लिए
100 मिलीलीटर (3+1⁄2-यूएस-द्रव-औंस) मात्रा में 79 किलोजूल (19 किलोकैलोरी) खाद्य ऊर्जा प्रदान करते हुए, नारियल पानी 95% पानी और 4% कार्बोहाइड्रेट है, प्रोटीन और कुल वसा सामग्री 1% से कम है। प्रत्येक (तालिका)। नारियल पानी में कम मात्रा में विटामिन और आहार खनिज होते हैं, सभी दैनिक मूल्य (डीवी) के 10% से कम हैं।
नारियल पानी के फायदे
नारियल पानी हर उम्र के लोगों के लिए फायदेमंद है। अगर आप समुद्र तटीय इलाकों में रहते हैं तो इसकी उपयोगिता और ज्यादा बढ़ जाती है। कई चिकित्सक गर्मियों के मौसम में नियमित रूप से नारियल पानी पीने की सलाह देते हैं। :
प्यास बुझाता है
आपको तेज प्यास लगी है और पानी पीने से नहीं बुझ रही है तो ऐसे में नारियल पानी का सेवन करें। नारियल पानी प्यास बुझाने में उपयोगी है। शरीर में पानी की कमी (डिहाइड्रेशन) होने पर भी नारियल पानी पीना फायदेमंद होता है।
खनिज लवणों की कमी दूर करता है
डायरिया या दस्त होने पर शरीर में ज़रुरी खनिज लवणों (इलेक्ट्रोलाइट्स) की काफी कमी हो जाती है जिनकी आपूर्ति ना होने पर समस्या और बढ़ने का खतरा रहता है। कच्चे नारियल का पानी इन खनिज लवणों से भरपूर होता है। इसलिए ऐसे मौकों पर नारियल पानी पीना लाभकारी होता है। यह शरीर में पानी की कमी दूर करने के साथ साथ खनिज लवणों की आपूर्ति भी कर देती है।
शरीर को ठंडक पहुंचाता है
नारियल पानी की तासीर ठंडी होती है। आयुर्वेद में भी इसके शीतल गुणों के बारे में बताया गया है। इसलिए गर्मी के दिनों में इसे पीना सेहत के लिए लाभकारी होता है। यह शरीर और पेट की गर्मी को शांत करती है और शरीर को ठंडक पहुंचाती है।
शरीर की ताकत बढ़ाता है
आयुर्वेद में नारियल पानी के बलदायक गुणों के बारे में बताया गया है। जिसके अनुसार नियमित रूप से नारियल पानी पीने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता के साथ साथ शारीरिक शक्ति भी बढ़ती है। इसलिए शारीरिक रूप से कमजोर लोगों को भी नियमित रूप से थोड़ी मात्रा में नारियल पानी पीना चाहिए।
पाचक अग्नि को बढ़ाता है
आयुर्वेद के अनुसार अगर आपकी पाचक अग्नि कमजोर है तो इसका मतलब है कि आप पेट से जुड़ी कई तरह की बीमारियों को बढ़ावा दे रहे हैं। इसलिए अपने खानपान में उन चीजों को शामिल करें जो पाचक अग्नि को बढ़ाते हैं। ऐसे में नारियल पानी आपके लिए काफी उपयोगी हो सकता है। इसके नियमित सेवन से पाचक अग्नि बढ़ती है और पेट से जुड़ी कई बीमारियों से बचाव होता है।
लीवर की गर्मी दूर करता है
लीवर हमारे शरीर का बहुत ही महत्वपूर्ण अंग है। अक्सर गलत खानपान और कुछ अन्य कारणों की वजह से लीवर की गर्मी और उसमें सूजन बढ़ जाती है। जिससे और कई तरह की समस्याएं होने लगती हैं। ऐसे में अगर आप नारियल पानी पीते हैं तो यह लीवर की गर्मी को दूर करता है और पेट में सूजन, पाचन खराब होने जैसे लक्षणों से आराम दिलाता है।
किडनी की सूजन कम करता है
किडनी में सूजन होना एक गंभीर बीमारी है। आयुर्वेद के अनुसार कच्चे नारियल का पानी पीने से किडनी की सूजन कम होती है।
माइग्रेन के दर्द से आराम दिलाता है
कच्चे नारियल का पानी माइग्रेन में होने वाले सिरदर्द में भी उपयोगी है। नारियल के पानी को नाक में डालने से माइग्रेन का दर्द कम होता है।
चेहरे की चमक बढ़ाता है
आपके चेहरे पर बार बार निकलने वाले मुंहासों और दाग धब्बों से परेशान हैं तो नारियल पानी का उपयोग करें। नारियल पानी से नियमित चेहरा धोने से चेहरे के मुंहासे और झाइयाँ कम होती है और चेहरे की चमक बढ़ती है।
वात और पित्त को संतुलित करता है
कच्चे नारियल का पानी शरीर में वात एवं पित्त दोष की अनियमितता को संतुलित करता है। वात और पित्त दोष के असंतुलन से होने वाले रोगों को दूर करता है।
मूत्र प्रणाली से जुड़े अंगों को शुद्ध करता है
अक्सर गलत खानपान और अनियमित दिनचर्या का असर मूत्र प्रणाली से जुड़े अंगों (मूत्राशय , मूत्र मार्ग आदि) पर भी पड़ता है। जिसकी वजह से मूत्र संबंधी कई तरह की बीमारियाँ बढ़ने का खतरा रहता है। इन रोगों में ब्लैडर में अशुद्धता, बार बार पेशाब आना, पेशाब में रूकावट जैसी समस्याएं शामिल हैं। नारियल पानी मूत्र संबंधी अंगों को शुद्ध करती है जिससे इन बीमारियों का खतरा कम होता है।
नारियल पानी कब पीना चाहिए
वैसे तो नारियल पानी का सेवन आप किसी भी मौसम में कर सकते हैं। लेकिन गर्मियों के मौसम में इसका सेवन ज्यादा लाभकारी माना जाता है। आज कल अधिकांश लोग गर्मियों के दिनों में अपनी प्यास बुझाने के लिए कार्बोनेटेड ड्रिंक्स, कोल्डड्रिंक्स आदि का सेवन करते हैं। जबकि केमिकल युक्त ये चीजें आपकी सेहत को नुकसान पहुंचाती हैं।
इनकी बजाय अगर आप गर्मियों में नारियल पानी का सेवन करें तो इससे प्यास भी आसानी से बुझेगी और कई तरह की हानिकारक बीमारियों से बचाव भी होगा। छोटे बच्चों को किसी भी हाल में कोल्डड्रिंक ना पीने दें बल्कि उन्हें नारियल पानी पीने की आदत डलवायें।
प्रयोज्य अंग --- फल ,पुष्प ,तेल ,मूल .क्षार
मात्रा --- फल --२० ग्राम से ३० ग्राम ,तेल १० से २० बून्द ,क्षार --५०० मिलीग्राम से १ग्राम
योग --- नारिकेल खंड ,नारिकेल लवण ,नारिकेलामृत
अहित प्रभाव --चिरपाकी
निवारण --शर्करा और मिश्री
(विद्यावाचस्पति डॉक्टर अरविन्द प्रेमचंद जैन )
आरोग्य
(पौष्टिकता से भरपूर ) नारियल एवं कच्चे नारियल का पानी की उपयोगिता