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आदित्यनाथ के "अब्बाजान" वाले बयान को विपक्ष ने अशोभनीय बताया 

आदित्यनाथ के "अब्बाजान" वाले बयान को विपक्ष ने अशोभनीय बताया 

लखनऊ । उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के "अब्बाजान" वाले बयान को आरजेडी सांसद मनोज झा ने  अशोभनीय और गैर संसदीय करार देते हुए उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री पर तुष्टीकरण की राजनीति का आरोप लगाया। वहीं कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने कहा "कोरोना के दौरान हमने देखा है कि मां गंगा में लोगों की लाशें बहती दिखीं। योगी ने 2017 के पहले की बात करी, लेकिन 200 साल पहले भी ऐसा कभा नहीं हुआ कि गंगा में लाशें बहती दिख रहीं थी। योगी साहब आप कौन से जान हैं? आपके कौन से अब्बाजान हैं और कौन से भाईजान हैं?" उन्होंने आगे कहा "यह पूरे देश को पता है। पीएम ने उन्हें हटाने की कोशिश की, लेकिन संघ की वजह से हटा नहीं पाए। जिस सरकार में हाथरस जैसी घटना हो जाए, सरकार को एक क्षण भी शासन में रहने का हक नहीं है। कांग्रेस पॉजिटिव मॉडल के साथ चुनाव में उतरेगी। हम श्मशान और क्रबिस्तान की बात नहीं करेंगे।"
उधर, नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा "मैंने हमेशा यह कहा है कि बीजेपी का कोई भी चुनाव एजेंडे के साथ लड़ने का कोई इरादा नहीं है, सिवाय मुसलमानों के खिलाफ सांप्रदायिकता और नफरत के। यहां एक सीएम फिर से चुनाव की मांग कर रहा है जिसमें दावा किया गया है कि मुसलमानों ने हिंदुओं के लिए सभी राशन खा लिए हैं।"
वहीं, यूपी में विपक्षी पार्टी सपा के प्रवक्ता अनुराग भदौरिया ने कहा "साढ़े चार साल में यूपी में सिर्फ घोटाला ही हुआ है। योगी अपने साढ़े चार साल का काम नहीं गिना पा रहे हैं तो जनता का ध्यान भटकाने के लिए इधर-उधर की बातें कर रहे हैं। चुनाव में जनता बीजेपी को भटका देगी।"
ज्ञात रहे कि अगले साल की शुरुआत में उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों में विधानसभा के चुनाव होने हैं और उसके लिए अलग-अलग राजनीतिक दलों ने अभी से अपनी रणनीति तैयार करनी शुरू कर दी है। राजनीतिक जानकार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान को भी उसी रणनीति का एक हिस्सा मान रहे हैं।
ज्ञात रहे कि रविवार को उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने  कुशीनगर में एक कार्यक्रम में कहा था कि साल 2017 से पहले अब्बा जान कहने वाले राशन हजम कर जाते थे। 
पिछले महीने, मुख्यमंत्री ने यूपी विधानसभा में कहा था कि कुछ कुछ लोगों ने तब टीका लगवाया है, जब उनके 'अब्बा जान' ने टीका लगवा लिया। उनकी यह टिप्पणी मुलायम सिंह यादव के टीका लगवाने के कुछ दिनों बाद आई थी। 
 

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