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 अफगानिस्तान से सेना वापसी पर रिपब्लिकन सांसदों की आलोचनाओं का ब्लिंकन ने दिया उत्तर

 अफगानिस्तान से सेना वापसी पर रिपब्लिकन सांसदों की आलोचनाओं का ब्लिंकन ने दिया उत्तर

वॉशिंगटन । अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना को वापस बुलाने के तौर तरीके पर रिपब्लिकन सांसदों की कड़ी आलोचना से घिरे अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने उत्तर देते हुए कहा कि जो बाइडेन प्रशासन को युद्ध को खत्म करने के लिए तालिबान के साथ समझौता विरासत में मिला लेकिन इसके लिए कोई योजना नहीं मिली थी। सदन की विदेश मामलों की समिति के समक्ष सुनवाई के दौरान ब्लिंकन ने अफगान सरकार के अचानक गिरने को लेकर नाराज सांसदों की शिकायतों को खत्म करने की कोशिश करते हुए जवाब दिया और खासतौर से अमेरिकियों तथा अन्य लोगों को बाहर निकालने के लिए विदेश विभाग के कदमों की जानकारी दी। उन्होंने सोमवार को कहा, ‘हमें समय सीमा विरासत में मिली। हमें कोई योजना विरासत में नहीं मिली।’ उन्होंने कहा कि प्रशासन ने 20 साल के युद्ध को खत्म करके सही चीज की।
विदेश मंत्री ने कहा, ‘हमने अमेरिका के सबसे लंबे युद्ध को खत्म करके सही फैसला किया।’ वह मंगलवार को सीनेट की विदेश संबंधों की समिति के समक्ष पेश होंगे। रिपब्लिकन सांसदों ने अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी की प्रक्रिया को ‘तबाही और अपमान’ बताया। कुछ डेमोक्रेट्स सांसदों ने कहा कि यह अभियान बेहतर तरीके से चलाया जा सकता था जबकि कई अन्य ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की आलोचना की। विदेश विभाग को अमेरिकी नागरिकों, वैध निवासियों और खतरे में पड़े अफगान नागरिकों को अफगानिस्तान से बाहर निकालने के लिए पर्याप्त और तेजी से कदम न उठाने के लिए आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। तालिबान ने अफगानिस्तान की सत्ता पर 15 अगस्त को कब्जा जमाया था।
ब्लिंकन ने बताया कि करीब 100 अमेरिकी नागरिक अफगानिस्तान में फंसे हुए हैं जिन्होंने देश से बाहर निकाले जाने की इच्छा जताई है। साथ ही ‘कई हजार’ ग्रीन कार्ड धारक भी देश में हैं। रिपब्लिकन सांसदों के सवालों से पहले रिपब्लिकन नेशनल कमिटी ने सोमवार को ‘ब्लिंकन को बर्खास्त करो’ बैनर के साथ एक बयान जारी कर मांग की कि उन्हें बार-बार की नाकामियों के लिए जिम्मेदार ठहराया जाए। रिपब्लिकन पार्टी के सांसदों की समिति ने कहा, ‘ब्लिंकन के अफगानिस्तान की स्थिति से बेहद खराब तरीके से निपटने और कमजोर नेतृत्व ने अमेरिकी लोगों की जान खतरे में डाल दी और कुछ अमेरिकी अब भी अफगानिस्तान में फंसे हुए हैं।’ ब्लिकंन को बाइडन का बेहद करीबी माना जाता है लेकिन अफगानिस्तान से सेना को वापस बुलाने के प्रशासन के तरीके को लेकर रिपब्लिकन ही नहीं बल्कि डेमोक्रेट सांसद भी उनकी आलोचना कर रहे हैं।
 

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